मोदी सरकार युक्रेन में फंसे भारतीयों को समय रहते सकुशल-सुरक्षित वापस लाने के लिए 400 करोड़ का इडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड का इस्तेमाल क्यों नही किया?_ रवि जायसवाल

nbcindia24/वीरेन्द्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा आज रुस के तानाशास राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा संप्रभु राष्ट्र युक्रेन में किये गये हमले को एक सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है। इस बीच युद्धग्रस्त युक्रेन में फंसे भारतीयो विशेषकर छात्रो की स्थिति दिन ब दिन बहुत खराब होते चली जा रही है। इस बीच अपने लिए खाना लेने बाहर निकले कर्नाटक के छात्र की गोली लगने व पंजाब के एक छात्र की बिमारी से मृत्यु हो चुकी है। घोर असंवेदनशील भारत सरकार और उसके दुतावास द्वारा सुरक्षित जगहो पर पहुंचाने में अपनी असमर्थता प्रकट करने के बाद वहा पर फंसे हुए अबोध-मासुम छात्र चारो तरफ चलती गोलीयो, बम वर्षा के बीच माईनस डिग्री सेंटीग्रेड के भयंकर ठंड में अपनी जान बचाने भुखे-प्यासे 50-50 किलोमीटर पैदल चलकर अपने दम पर सुरक्षित जगहो पर जा रहे है। छात्रो के हालात ब्यान करने के लिए काफी है की मोदी की न कोई विदेश नीति है और ना ही कोई कुटनीति। यह सरकार भारत की जनता को अपने देश में सुख-शांति देने में तो नाकाम हो ही चुकि है विदेशो में आपदा में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने में भी नाकाम हो चुकि है। विश्व के तमाम देश, राजनेता, कुटनीतिज्ञ, अतंराष्ट्रीय मामलो के जानकर यह भली भांति जानते है की रुसी राष्ट्रपति पुतिन एक सनकी तानाशाह है और वो कब क्या कर बैठे यह कोई निश्चित नही रहता पर यह बात पुरी तरह संभावित थी की युक्रेन और रुस के बीच चल रहे लंबे समय का विवाद आज नही तो कल रुस द्वारा युक्रेन पर हमले के रुप में सामने आयेगा ही और विशेषकर जब युक्रेन ने अमेरिकी नियंत्रण व वर्चस्व वाले नाटो (NATO) में शामिल होने की घोषणा तो यह खुली आंखो का सत्य हो गया की अब-तब मे़ रुस अपना वर्चस्व बनाये रखने और अमेरिका उसके सहयोगीयो को भी सबक सिखानै युक्रेन पर हमला करेगा ही।किन्तु यह दुर्भाग्यपूर्ण है की मोदी जी अपने लंपट भगतो और गोदी मिडिया द्वारा बनाये विश्व नेता की छवि में ऐसे आत्ममुग्ध होकर ख्याली दुनिया में तल्लीन रहते है की जो खतरा विश्व को दिखाई दे रहा था वो मोदी जी, उनकी सरकार, लंपट भगतो और गोदी मिडिया को दिखाई नही दिया अन्यथा युक्रेन में हमारे देश के छात्रो की यह दुर्दशा नही होती। युक्रेन से निकलने के समय प्राईवेट जहाज कंपनियो ने सारी मानवियता और नैतिकता को पुरी बेशर्मी से परे रखकर 25 हजार के टिकट की किमत डेढ़ लाख कर दिया ऐसे में विदेश पढ़ने गये मध्यम वर्गीय परिवारो से आने वाले छात्र और उनके अभिभावक मुश्किल में फंस गये और इधर मोदी सरकार इन प्राईवेट हवाई जहाज कंपनीयो के कान ऐठकर उन्हे सिधा रास्ता मे़ लाने का छोड़कर खुद अपना कान पकड़कर कुछ न कर सकने वाली मुद्रा में इन कंपनियों के समक्ष नतमस्तक हो गई।जबकि ऐसे आपदा के समय सरकार के पास नीजी कंपनियों को अधिग्रहण करने की शक्ति होती है वह भी नही कर सकते थे तो 2009 में भारत के विदेश मंत्रालय ने आपदा और युद्ध की स्थिति में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एक फंड बनाया था? इस फंड का नाम है इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड (ICWF), इस फंड में अभी 400 करोड़ रखे हुए है इसका इस्तमाल कर समय रहते सभी भारतीयो को युक्रेन से सकुशल और सुरक्षित रुप से भारत ला सकती थी किन्तु मोदी और उनकी सरकार ने इस फंड का भी इस्तेमाल नही किया जबकि यह फंड बना ही इस काम लिए है। कोरोना काल में इसी फंड से 44 करोड़ खर्च कर मोदी सरकार ने वाह-वाही लुटी थी और अब इस समय फंड पर कुंडली मारकर बैठी है। मोदी जी जवाब तो देना होगा आखिर यह फंड विदेश जाने वालो से विजा बनवाते समय २-३ डालर लेकर उन्ही के पैसो से बना है। आज युद्ध ग्रस्त युक्रेन में फंसे भारतीयै की दुर्दशा के लिए पूर्ण रुप से मोदी और उनकी अर्मण्य सरकार जिम्मेदार है। ऐसे समय में अपने देश के नागरिकों वह भी बच्चो की सुरक्षा जिम्मेदारी लेने के बजाय मोदी सरकार उत्तर प्रदेश चुनाव में व्यस्त है यह घोर असंवेदनशीलता है। युक्रेन में फंसे भारतोयो को मदद पहुंचाने और वैश्विक स्तर पर युद्ध टलवाने में कुटनीतिक चुक करने में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री उनकी सरकार, विदेश मंत्रालय पुरी तरह असफल रहा है वही मोदी की लचर विदेश नीति और कुटनीति में असफलता का खामियाजा वहा पर फंसे भारतीय भुगत रहे है, युक्रेनिक सैनिक द्वारा भारतीय छात्रो कि पिटाई व बदसलूकी की खबरे लगातार आ रही है वही दूसरी ओर मोदी जी की इस नाकामी को छुपाने और उनकी तथाकथित ५६ इंची छवि को बनाये रखने, उनकी सरकार के मंत्री वहा पढ़ने गये छात्रो को नकारा कहकर खिल्ली उड़ा रही है, संघ-भाजपा की आईटी सेल अपने कुचरित्र अनुसार झुठे प्रोपेगंडा परोसकर मुसिबत में फंसे छात्रो और रात दिन अपने बच्चो की सलामत वापसी की पथराई आंखो राह देखते उनके माता-पिता पर ही ऊलुल-जुलुल आरोप लगाकर उन्हे ही इस सबके लिए गुनाहगार ठहराने पर तुले है। किन्तु मोदी, उनकी सरकार, उनके लंपट भगत, आईटी सेल और गोदी मिडिया लाख कोशिश कर ले पर मोदी जी आपका भेद खुल चुका है। आजद भारत में अब तक हुए प्रधान म़त्रीयों में आप सबसे नकारा प्रधानमंत्री साबित हुए है और आप ने अपने लापरवाह पूर्ण व्यवहार और नासमझी भरे बेतुके निर्णोयो से खुद साबित कर दिया है। ना आपकी कोई विदेश नीति है और ना कोई घरेलू नीति। आपकी विदेश नीति का मतलब लाखो रुपय के महंगे सुट, घड़ी, चश्मा, जुता पहनकर और पेन रखकर व कैमरामेन साथ रखकर विदेश जाना वहा के राष्ट्र अध्यक्षो से जबरदस्ती गले मिलना भर है और आपके घरेलु नीति का मतलब रात-दिन चुनावी मोड में रहना, प्रधान मंत्री के पद, प्रतिष्ठा, मर्यादा और संविधान को परे रखकर बस हिन्दू-मुसलमान, पाकिस्तान का जाप करना भर है।मोदी जी देश की अवाम आपके असली रुप को पहचान चुकी है, लंपट भगत मंडली, आईटी सेल और गोदी मिडिया का झुठ और फरेब द्वारा गढ़ा गया आपका विशाल नकली छवि पानी का बुलबुला था जो विषम परिस्थिति आने पर आपके अविवेक पूर्ण निर्णयो से फुट कर हवा हो चुका है। आपको देश की जनता को जवाब देना ही होगा की जब आप खुद को विश्व नेता मानते है तो युक्रेन युद्ध में फंसे भारतीयो को समय रहते सकुशल वापस क्यों लेकर नही आ पाये? आपने फंसे हुए भारतीयो की मदद के लिए इंडियन कम्युनिटी फंड का इस्तेमाल क्यों नही किया? मोदी जी यह लिखित संविधान से चलने वाला लोकतंत्र है जनता को सवाल पुछने का अधिकार है और जनता के सवालो का जवाब देने के लिए आप बाध्य है।इसी के साथ मैं छत्तीसगढ़ के तमाम जनता, सामाजिक, राजनीतिक, व्यापारिक, खेल व श्रमिक संगठनो, कला- विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगो, पत्रकारो, बुद्धिजीवियों से अपिल करता हूं की अपने तमाम वैचारिक-वर्गीय मतभेदो को परे रखकर अपने-अपने स्तर पर समुची मानवता को बचाने रुस के तानाशाह शासक व्लादिमीर पुतिन के द्वारा युक्रेन पर हमला कर समुचे विश्व को तृतिय विश्व युद्ध के मुहाने पर ला खड़ने का पुरजोर विरोध करे व इस के साथ-साथ इस सब के लिए मुख्य रुप से जिम्मेदार साम्राज्यवादी अमेरिका और उसके नियंत्रण पर उसके वर्चस्व को पुरी दुनिया में बनाये रखने का औजार NATO का भी विरोध करे जिसने समुची दुनिया में घोर पूंजीवादी- साम्राज्यवादी अमेरिकी वर्चस्व व लुट को बनाये रखने का साधन के रुप में कार्य करती आ रही है, UN (युनाइटेड नेशन) का विरोध करे जो NATO की अमानवीय कार्यवाही को समर्थन देता है और युक्रेन पर रुस के हमलो को रोकने में असफल रहा ।

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