जिले के वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम पात्र और गिरीश जगत को आईजी अमरेश मिश्रा एवं एसपी निखिल राखेचा ने नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए विशेष भूमिका निभाने पर किया सम्मानित
राहुल ठाकुर गरियाबंद @ जिले में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। लंबे समय से सक्रिय उदंती एरिया कमेटी को पुलिस ने करारा झटका दिया है। पुलिस के बढ़ते दबाव और शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर उदंती एरिया कमेटी के डिवीजनल कमेटी मेंबर (DVCM) सुनील सहित 7 सक्रिय नक्सलियों ने गरियाबंद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण के दौरान अपने पास मौजूद एक SLR, तीन इंसास राइफलें तथा कई देशी हथियार और विस्फोटक सामग्री पुलिस के हवाले कर दी।

नक्सल संगठन पर पुलिस का बढ़ता दबाव
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण अभियान पिछले कई महीनों से चल रहे ऑपरेशन उदंती-सिहावा की सफलता का परिणाम है। सुरक्षा बलों की लगातार सर्चिंग, जंगलों में गश्त और स्थानीय स्तर पर खुफिया तंत्र के सक्रिय रहने से नक्सली संगठन की गतिविधियाँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।फोर्स की बढ़ती कार्रवाई और नेतृत्व स्तर पर दबाव ने नक्सलियों के भीतर असुरक्षा की भावना पैदा कर दी, जिसके चलते उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

सुनील का पत्र बना बदलाव की शुरुआत
सूत्रों के अनुसार, कुछ दिनों पूर्व उदंती एरिया कमेटी के सचिव सुनील ने अपने साथियों के नाम एक पत्र जारी कर आत्मसमर्पण करने की अपील की थी। इस पत्र के बाद कई सदस्य पुलिस संपर्क में आए और आज उन्होंने औपचारिक रूप से पुलिस मुख्यालय में आत्मसमर्पण किया।

पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा
गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने बताया कि सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत सभी निर्धारित लाभ प्रदान किए जाएंगे, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में लौटकर सम्मानजनक जीवन जी सकें।उन्होंने शेष बचे नक्सलियों से भी अपील की कि वे हथियार छोड़कर समाज और परिवार के साथ शांति एवं विकास की राह अपनाएँ।

जिले के वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम पात्र और उसके सहयोगी गिरीश जगत को मिला सम्मान
इस आत्मसमर्पण अभियान को सफल बनाने में वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम पात्र और उनके सहयोगी गिरीश जगत की भूमिका सराहनीय रही, इन दोनों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शांति स्थापना और संवाद कायम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया,उनके इस योगदान को देखते हुए रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा और एसपी निखिल राखेचा ने उन्हें साल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।

नक्सलवाद की पकड़ ढीली पड़ रही
ज्ञात हो कि गरियाबंद, मैनपुर और उदंती वन क्षेत्र में कई वर्षों से नक्सल गतिविधियाँ चल रही थीं। परंतु सुरक्षा बलों की निरंतर सघन कार्रवाई, स्थानीय लोगों का सहयोग और आत्मसमर्पण नीति की सफलता से अब नक्सल संगठन की पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि …..
अब समय आ गया है कि बंदूक की जगह कलम और कुदाल से समाज निर्माण की दिशा में काम किया जाए।इस आत्मसमर्पण को गरियाबंद जिले में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

