दंतेवाड़ा @ अति नक्सल प्रभावित बीजापुर व अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्राम पल्लेवाया में दंतेवाड़ा पुलिस एवं CRPF की 165वीं बटालियन द्वारा नया फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (F.O.B.) स्थापित किया गया है। यह कदम लंबे समय से नक्सलियों के कोर जोन रहे इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास की नई शुरुआत माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन की जनकल्याणकारी योजना “नियद नेल्लानार” के तहत इस कैंप की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना तथा शासन की योजनाओं का लाभ दूर-दराज आबादी तक पहुंचाना है।
पल्लेवाया में बनाए गए इस सुरक्षा कैम्प से बीजापुर और नारायणपुर जिले के अब तक पहुंचविहीन कई गांव अब सड़क, बिजली, मोबाइल नेटवर्क, स्वास्थ्य केंद्र, पीडीएस दुकानें, शिक्षा सहित सभी मूलभूत सुविधाओं से बेहतर रूप से जुड़ सकेंगे।
यह महत्वपूर्ण स्थापना बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी., सीआरपीएफ के पुलिस महानिरीक्षक श्री शालीन, दंतेवाड़ा रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, तथा सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों— राकेश चौधरी, मृत्युंजय कुमार, विवेकानंद सिंह, राजन कुमार, डॉक्टर आशीष शांडिल्य एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राम कुमार बर्मन के निर्देशन में पूरी हुई।
इस अभियान में दंतेवाड़ा और बीजापुर पुलिस, CRPF की 165वीं बटालियन, कोबरा 201 वाहिनी तथा यंग प्लाटून 231, 111 और 165 वाहिनी के जवानों की सक्रिय व संयुक्त भागीदारी रही।
बताया गया कि 4 दिसम्बर 2025 को कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद सुरक्षा बलों ने अथक प्रयास कर कैम्प की स्थापना की। इस दौरान क्षेत्र में स्थित नक्सली स्मारकों को भी ध्वस्त किया गया। जवानों ने स्थानीय जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए दिन-रात लगातार निर्माण कार्य जारी रखा। यह F.O.B. सुरक्षा बलों की असाधारण वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति और पेशेवर क्षमता का प्रतीक बताया जा रहा है।
पल्लेवाया में स्थापित यह नया सुरक्षा कैम्प अबूझमाड़ के भीतरी इलाकों में सुरक्षा और शासन की पहुँच मजबूत करेगा। इससे क्षेत्र में शांति, विश्वास एवं विकास के नए अध्याय की शुरुआत होने की उम्मीद है। यह पहल केंद्र सरकार के उस लक्ष्य को भी गति प्रदान करती है, जिसके तहत वर्ष 2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पल्लेवाया FOB की स्थापना “विकास ही सुरक्षा” की नीति को मजबूत करते हुए अबूझमाड़ में स्थायी शांति, समृद्धि और प्रगति की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

