खबर का असर:- आज ही रिकॉर्ड सुधारने की बात कहते हुए किसान को अपने साथ ले गए अधिकारी, किरकिरी होने के बाद प्रशासन ने दिखाई  संवेदनशीलता।

बालोद/ किसी ने सच कहा है हक हाथ जोड़ने से नहीं बल्कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के बाद ही हक मिलती है ताजा उदाहरण बालोद जिले के कुसुमकसा निवासी किसान तिहार सिंह तारम के मामले में देखने को मिला किसान 2016 से अपने निजी भूमि खसरा नंबर 1236, रकबा 0.51 हे. भूमि को न्यायालय तहसीलदार दल्ली राजहरा द्वारा राजस्व अभिलेख से गायब करने का आरोप लगा धान बेचने से वंचित होने की बात कहते हुए दोबारा ऋण पुस्तिका क्रमांक 222175 में वापस दर्ज कराने की मांग को लेकर सालों से शासन-प्रशासन के चक्कर लगा रहे थे पर किसी ने किसान की समस्या का सुध नही लिया।

वही किसान द्वारा आज 25 जनवरी से 29 जनवरी तक अपनी मांग को लेकर जब कुसुमकसा (शिकारीटोला) धान खरीदी केंद्र के सामने धरने पर बैठ 29 जनवरी तक मांग पूरी नही होने पर 30 जनवरी को आत्महत्या की चेतवानी दी तो प्रशासन हरकत में आया।

जनपद सदस्य संजय बैस

जनपद सदस्य संजय बैस ने कहा किसान की मांग जायज

किसान को धरना स्थल में समर्थन देने पहुँचे क्षेत्र के जनपद सदस्य संजय बैस ने कहा किसान की मांग जायज है प्रशासन को उनकी मांग पर अमल करना चाहिए आज जब किसान अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठे तो अधिकारी आज ही रिकार्ड सुधारने की बात करते हुए अपने साथ ले गए इतने दिनों तक क्यों मांग पर ध्यान नहीं दिया गया क्या अपने हक के लिए जनता को इसी तरह आवाज उठाना पड़ेगा।

किसान के समस्या का आज हो जाएगा समाधान

वही इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी प्रेमलता चंदेल ने बतलाया कि रजिस्ट्री में खसरा नंबर गलती से दूसरे नंबर पर चड़ गई थी 1226 की रजिस्ट्री होनी थी जो कि 1236 में त्रुटिपूर्ण रजिस्ट्री हो गई थी जिसके चलते समस्या आई थी और किसान धरने पर बैठ गए थे जिन्हें समझा कर धरना खत्म करा दोनों पक्षों को बुला आज किसान की समस्या को हल किया जा रहा है और संबंधित जमीन के धान को भी किसान से खरीदा जाएगा।

Nbcindia24

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