ग्रामीणों ने अपने हस्ताक्षर दुरुपयोग करने का सरपंच व सचिव पर लगाया आरोप।

Nbcindia24/Balod/ योगेंद्र उईके अर्जुन्दा– भालूकोन्हा में ग्राम पंचायत के द्वारा गुरुवार को सरकार की योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए ग्राम सभा का आयोजन किया गया था लेकिन सबसे बड़े चौंकाने वाली बात यह रही कि ग्राम सभा में शासन की योजनाओं का एक भी मुद्दा नहीं उठा बल्कि पूरे ग्राम सभा में सुबह से लेकर शाम तक सिर्फ प्रशासन के द्वारा उद्यानिकी कॉलेज खोले जाने का ही विरोध ग्रामीणों ने किया आपको बता दें कि यह कोई पुराना मुद्दा नहीं है
ग्राम भालूकोन्हा के चारांगन भूमि में उद्यानिकी कॉलेज नहीं खोलने का मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ते जा रहा हैं ग्राम सभा की मीटिंग में समस्त ग्रामीणों ने एक साथ मिलकर सरपंच के ऊपर आरोप लगाते हुए यह कहा कि उन्होंने सरपंच और सचिव के मिलीभगत के चलते उन्होंने फर्जी तरीके से वह जमीन उद्यानिकी कॉलेज बनाने के नाम से प्रशासन को दे दीया गुरुवार के ग्राम सभा में गांव के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे गांव वालों ने बताया कि सरपंच एवं सचिव के माध्यम से इससे पहले भी ग्राम सभा का आयोजन किया गया था जिसमें गांव वाले को विकास के नाम पर ग्रामीणों का हस्ताक्षर कर उसी हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया और सभी ग्रामीणों की सहमति से यह घास भूमि को उद्यानिकी कॉलेज खोलने के लिए दिया गया गांव वालों का कहना है कि गांव के सरपंच व सचिव बगैर किसी के प्रस्ताव के मनमाने तरीके से निर्णय ले लिया जाता है और कार्य किया जाता है सबसे रोचक बात यह रही कि इस मीटिंग में गांव वालों के साथ साथ पंच लोग भी इसका विरोध करते हुए नजर है वही गांव वालों ने कहा कि
हम सब ग्रामीण अगर उद्यानिकी कॉलेज ना बनने के लिए अगर विरोध कर रहे हैं तो इस विरोध में सरपंच को भी हमारा साथ देना चाहिए हम सब गांव वालों ने उन्हें मिलकर सरपंच बनाया है तो हमारी बात भी उन्हें माननी चाहिए गांव वालों ने बताया कि हम लोगों ने कभी भी उद्यानिकी कॉलेज बनाने के लिए अपनी सहमति नहीं दी थी सरपंच ने फर्जी तरीके से हमारा हस्ताक्षर लेकर गांव में उद्यानिकी कॉलेज खोलने के लिए परमिशन दे दिया। वही गांव वालों का कहना है कि एक तरफ जहां प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल 36 गढ़ के पूरे लोगों को वृक्षारोपण के लिए जागरूक कर रहे है। अधिक से अधिक वृक्षारोपण के लिए घर घर तक पेड़ भी पहुंचा रहे हैं और एक तरफ उद्यानिकी कॉलेज में लगे 500 से भी अधिक फलदार एवं छायादार पौधे जिसे उद्यानिकी कॉलेज के लिए काट दिया जाएगा ।

ग्रामीणों ने कलेक्टर के पास कॉलेज नहीं खोलने दे चुके आवेदन

ग्रामीणों ने इन सब के चलते 2 बार कलेक्टर के पास भी कॉलेज नहीं खोलने के लिए आवेदन दे चुके हैं लेकिन अब तक उनके आवेदन पर कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया वह गांव वालों ने सरपंच के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि वह यह सब एक राजनीतिक दबाव के चलते किया जा रहा है
गांव वालों का यह भी कहना है कि गांव में पशुओं को चराने के लिए एक भी चारागाह नहीं है गांव में सिर्फ यह एक भूमि है जहां पशु चारा चरने जाते हैं इन सब मामलों के चलते ही पशुओं को चराने के लिए भूमि की समस्या उत्पन्न हो रही है

गांव वालों के सहमति से उद्यानिकी कॉलेज के लिए प्रस्ताव किया

वहीं इस मामले में जब एनबीसी इंडिया 24 सहयोगी योगेंद्र उईके द्वारा ग्राम के सरपंच से जानकारी लिया गया तो उन्होंने कहा की गांव वालों के सहमति से उद्यानिकी कॉलेज के लिए प्रस्ताव किया गया था और यह जमीन कॉलेज खोलने के लिए दिया गया था और यह सब कोई राजनीतिक दबाव के चलते नहीं हो रहा है जब सरपंच से यह पूछा गया कि क्या वह ग्रामीणों का साथ देंगे तब सरपंच ने अपने जवाब में कहा कि मैं इस सवाल पर कुछ नहीं कह सकता।

 

वहीं ग्रामीणों के सवाल-जवाब से उपस्थित अधिकारी व ग्राम के सरपंच सचिव भी बचते हुए नजर आए।

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