स्वास्थ्य विभाग कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम, निषेध और निवारण हेतु शिकायत कमेटी का गठन किया जाए – आकांक्षा

Nbcindia24/Balod/ वीरेंद्र भारद्वाज दल्लीराजहरा– हेल्पिंग ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन की डौन्डी-लोहारा चाइल्ड सेल क्षेत्र की कार्यकर्ता आकांक्षा सोनटेके ने बालोद जिला के स्वास्थ्य विभाग में कार्य करने वाले महिला कर्मियों की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुये स्वास्थ्य विभाग में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) हेतु आंतरिक शिकायत समिति व लोकल शिकायत समिति का गठन कराने हेतु मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव व जिला कलेक्टर को पत्र लिखा। जिसमे बताया गया कि बालोद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना मांगी गई थी। सूचना के आलोक में जिला बालोद के सभी ब्लॉक गुरुर, गुंडरदेही, डौंडी, बालोद के किसी भी खंड चिकित्सालय व सामुदायिक केंद्र में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) हेतु आंतरिक शिकायत समिति व लोकल शिकायत समिति का गठन नहीं किया गया है। और जागरूकता एवं गठन कराने हेतु प्रचार-प्रसार भी नहीं किया गया है जिससे यह प्रतीत होता है कि बालोद जिले के साथ साथ अन्य जिलों के भी स्वास्थ्य विभागों के कार्यालयों में/ गैर सरकारी कार्यालयों में, अन्य सरकारी कार्यालयों में महिला सुरक्षा हेतु लैंगिक उत्पीड़न उत्पीड़न के रोकथाम एवं शिकायत निवारण वह सुरक्षा हेतु कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) एक्ट 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति एवं लोकल शिकायत समिति का गठन नहीं किया गया होगा।

कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम,निषेध और निवारण) आंतरिक शिकायत समिति व लोकल शिकायत समिति का गठन नहीं कराकर बालोद जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के आदेशों/ निर्देशों का अवहेलना किया जा रहा है एवं महिला कर्मियों के अधिकार व सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 15 के अधीन क्षमता तथा अनुच्छेद 21 के अधीन प्राण और गरिमा से जीवन व्यक्ति करने एवं अनुच्छेद 19 (1)(जी) के अधीन स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है तथा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) एक्ट 2013 अधिनियम के तहत किसी कार्यस्थल के संबंध में किसी निवास स्थान गृह या सरकारी/ गैर सरकारी कार्यालयों में नियोजित है। केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा स्थापित उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा पूर्णतः या अशतः वित्तपोषित है सरकारी/ गैर सरकारी एवं अन्य जहां 10 या 10 से अधिक कर्मचारी गर्मी कार्य करते हो वहां आंतरिक शिकायत समिति एवं 10 से कम कर्मचारी गर्मियों जहां कार्य करते हो वहां लोकल शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है इस संदर्भ में रिट याचिका (सी) संख्या-666-70/1992 विशाका एवं अन्य व नाम राजस्थान राज्य एवं अन्य में माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा आदेश/ निर्देश पारित किया जा चुका है।

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