शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को ही भूल गया विभाग, शिक्षकों ने जाहिर की नाराजगी।

जिले में शिक्षकों का सम्मान करना भूला विभाग।

घर पर मायूस बैठे रहे सेवानिवृत्त शिक्षक।

विभाग की उदासीनता से शिक्षकों में आक्रोश ।

 

रंजन दास बीजापुर। आज 5 सितंबर को भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है इस दिन को पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन विडंबना  है कि आज के विशेष दिन पर बीजापुर जिले से एक भी ऐसी तस्वीर निकल कर नहीं आई जहां विभाग द्वारा अपने शिक्षकों का सम्मान किया गया हो।

प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस पर जिले में कार्यक्रम आयोजित कर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों शिक्षकों का सम्मान किया जाता रहा है किंतु सालों बाद पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि शिक्षक दिवस फीका पड़ा और सबसे विशेष दिन 5 सितम्बर को सम्मान कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ जिससें शिक्षकों को निराश होना पड़ा।

हर साल शिक्षा विभाग की ओर से इस दिन जिला मुख्यालय व ब्लॉक मुख्यालय में बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया जाता है लेकिन इस साल वैसा नजारा नहीं दिखा।

शिक्षक दिवस के दिन जहां एक ओर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन  की जयंती का उत्साह मनाया जाता है और भारतीय संस्कृति में गुरु शिष्य के रिश्ते को बहुत ही महत्व दिया जाता है। इस दिन शिक्षकों का सम्मान किया जाता है और यह दिन बच्चों और शिक्षको के साथ बड़े हर्ष उल्लास के साथ शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस साल जिले में शिक्षकों प्रति अपमान स्वरूप देखा गया है शिक्षा विभाग की उदासीनता से शिक्षक दिवस मायूसी की भेंट चढ़ गया है । पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर जिले भर के शिक्षक मायूस रहे। हर साल की तरह मनाया जाने वाला शिक्षक अलंकरण समारोह जिले में आयोजित नही किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कर प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों को उत्कृष्ट कार्य के आधार पर सम्मानित कर प्रोत्साहित किया जाता है। इस बार शिक्षा विभाग के उपेक्षित रवैये से शिक्षकों को न  सम्मान मिला न ही प्रोत्साहन मिला है।

विभाग की उदासीनता से शिक्षक वर्ग में आक्रोश व्याप्त है।

शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते शिक्षक वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। शिक्षा विभाग की इस बड़ी लापरवाही से शिक्षकों ने नाराजगी जताई है जो सालभर प्रशासन के हर काम में शिक्षक दिन रात एक कर प्रशासन की पूरी मदद करते हैं ऐसे महत्वपूर्ण दिन में उन्हें भुला दिया गया है।

सेवानिवृत्त शिक्षक घर में बैठे रहे मायूस।

जिले में सेवानिवृत्त शिक्षक घर में बैठे मायूस हुए है आज के दिन उनकी कोई पूछ परख नहीं हुई शिक्षकों के प्रति इस अपमान जनक दिन को वे नहीं भूलेंगे हर साल शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने को लेकर पुरस्कार देकर सम्मानित करते हैं।

के.ड़ी राय (प्रांतीय उपाध्यक्ष शिक्षक संघ ) ने कहा कि पहली बार जिले में शिक्षक दिवस नही मनाया गया बहुत खेद का विषय है। शिक्षकों से सारा काम लेते है जब उनके सम्मान का बात आता है तो अधिकारी भूल जाते है। शिक्षक संघ इसका खेद प्रकट करता है।

महेश शेट्टी (छ.ग. सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन प्रदेश संगठन मंत्री) ने बताया कि शिक्षकों के सम्मान का दिन जाने क्यों भूल गया प्रशासन हर काम शिक्षकों द्वारा किया  जाता है, शिक्षकों द्वारा शिक्षकिय कार्य के साथ-साथ सर्वे हो जनगणना या मतदान हर काम शिक्षक पूरी ईमानदारी से निभाते है, साल में एक दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है वो भी इस वर्ष नही मनाया गया बहुत ही खेद का विषय है।

राजेश मिश्रा- (जिला अध्यक्ष सहायक शिक्षक समग्र फेडरेशन) ने कहा कि प्रतिवर्ष आयोजन होता था, इस वर्ष क्यों नहीं हुआ यह तो प्रशासन ही जाने लेकिन शिक्षकों का सम्मान का दिन था जिसमें ज्ञानदीप शिक्षादुत पुरुस्कार से सम्मनित कर प्रोत्साहन राशि दिया जाता था और सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान होता था शिक्षक बड़े उत्साह से भाग लेते थे।

प्रलाद जैन – जिलाध्यक्ष शालेय शिक्षक संघ बीजापुर ने कहा जब से जिला बना है यहाँ पहली बार हुआ है कि शिक्षक दिवस पर सम्मान समारोह का जिला स्तर का कार्यक्रम नही हुआ है, जबकि अन्य जिलों में हुआ है, यहाँ के अधिकारियों की लापरवाही की वहज से यहाँ के शिक्षकों को सम्मान से वंचित रखा गया बड़ी आश्चर्य की बात है।

रमेश निषाद जिला शिक्षा अधिकारी बीजापुर
राज्य शासन से कोई आदेश नहीं आया है, इसलिए शिक्षक दिवस का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया है जेडी सर से बात हुई है दो चार दिन मे भव्य कार्यक्रम किया जायेगा।

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