छत्तीसगढ़/ आंध्र प्रदेश सीमा में बस्तर के चार पत्रकारों को एनडीपीएस के तहत गिरफ्तार किए जाने को लेकर कटघरे में आए कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर पर लगे साजिश का आरोप सच होने लगा है । मामले में पत्रकारों की एकता और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में साजिश के शिकार हुए पत्रकारों को न्याय दिलाने पत्रकार साथियों द्वारा कलेक्टर, एसपी को ज्ञापन सौंप जांच कर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई थी।
पत्रकारों की एकता और सोशल मीडिया में व्याप्त पत्रकारों की नाराजगी को देखते हुए सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण द्वारा 12 अगस्त को कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर को निलंबित कर शिकायत पर जांच शुरू हुई।
प्रारंभिक जांच में पत्रकारों द्वारा कोंटा थाना प्रभारी पर रेत माफियाओं से मिल साजिश के तहत रेत तस्करी की भंडाफोड़ करने गए पत्रकार के कार की डिग्गी में गांजा रखवा आंध्रा पुलिस से पकड़वाने के लगे आरोप की तार जांच में जुड़ने लगा।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में आए तथ्यों के आधार पर तत्कालीन कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर द्वारा अनाधिकृत रूप से आर. एस. एन. लॉज की सीसीटीवी फुटेज डीवीआर को कब्जे में लेने की विधि विरुद्ध कृत्य मान उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 324, 331 (2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल का भेजा गया।
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