Chhattisgarh/प्रदेश में लगातार बारिश के बाद नदी और नाले उफान पर है ऐसे में छोटी सी चूक आपको भारी पड़ सकता कुछ ऐसा ही बालोद जिला में देखने को मिला जहां अपने बेटे के भविष्य सवारने नीट एग्जाम दिलावा कर लौट रहे पिता पुत्र की एक चूक ने पिता से बुढ़ापे का सहारा ही छीन लिया।
दरअसल कांकेर जिला के ग्राम चिनोरी गांव निवासी एक पिता अपने 17 वर्षीय पुत्र को दुर्ग में नीट एग्जाम दिलवाकर बालोद जिला के ग्राम बरही और साखरा होते हुए अपने गांव लौट रहे थे इसी दौरान रविवार रात्रि लगभग 8:30 बजे सेमरिया नाला में पुल के ऊपर चल रहे पानी को पार करने का प्रयास किया लेकिन उन्हें क्या पता था कि नाला पार करने के दौरान अपने बेटे की जान से ही हाथ धो बैठेंगे।
पानी की लहरों में जैसे ही कदम आगे बढ़ाते गए एक पल ऐसा आया की स्कूटी सहित पिता और पुत्र पानी के तेज बहाव में बह गया पुत्र पिता को पुकारते रहे पिताजी बचाओ और अगले ही क्षण पुत्र की पुकार सुनाई देना ही बंद हो गया पिता अपने पुत्र को ढूंढने का काफी प्रयास किया नहीं मिला तो ग्रामीणों के साथ बालोद पुलिस को जानकारी दिया
ग्रामीणों के साथ पुलिस भी ढूंढने का प्रयास किया लेकिन उन्हें भी रात्रि में छात्र का कोई सुराग नहीं अगले दिन 15 घण्टे के बाद रेस्क्यू टीम को घटना स्थल से 500 मीटर दूर झाड़ियों में फंसा छात्र का शव मिला गया अब पिता उमेश अपने पुत्र की जान नहीं बचा पाने पर अपने आप को कोस रहें।
बहरहाल जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा रेस्क्यू टीम की मदद से छात्र का शव ढूंढ निकाल पंचनामा कार्रवाई करा पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
डॉ. गौरव कुमार सिंह, कलेक्टर बालोद
तो वही जिले के कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह बाढ़ के हालात से निपटने पुख्ता इंतजाम होने के साथ 24 घंटे एलर्ट मोड़ पर रहने जिला प्रशासन को सूचना देने टोल फ्री नंबर जारी होने की बात कहते हुए नदी नाले में अधिक पानी होने की स्थिति में पार नही करने जनता से अपील कर रहे ताकि भविष्य इन तरह की घटना की पुनरवित्ति ना हो।
सवाल…
क्या बाढ़ जैसे हालातों में भी आप शासन-प्रशासन हस्तक्षेप के बाद ही आप अपनी जान जोखिम में डालने से रोकेंगे…?
क्या स्वंयम की जान के प्रति आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं…?
क्या आपकी जान इतनी सस्ती है…?
आखिर कब तक आप और हम शासन और प्रशासन को उनकी जिम्मेदारी के प्रति कोसते रहेंगे…?
आखिर हम कब स्वंयम की जिम्मेदारी कब लेंगे…?
आए दिन उफनती नदी और नालो में लोग जान जोखिम में डाल पार करते नजर आते हैं जिससे कभी भी हादसा होने का अंदेशा बना रहता तो वही बालोद में हुए हादसे की तरह कई हादसा देखने को मिलता है बावजूद इसके लोग सबक लेते नजर नही आते।
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