खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ राजहरा शाखा के अध्यक्ष किशोर कुमार मायती ने डिप्टी रेंजर और सीएसपी राजहरा को ज्ञापन सौंपकर फलदर वृक्ष की कटाई करने वाले पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया।

nbcindia24/वीरेन्द्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा । खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ राजहरा शाखा के अध्यक्ष किशोर कुमार मायती ने डिप्टी रेंजर और सीएसपी राजहरा को ज्ञापन सौंपकर फलदर वृक्ष की कटाई करने वाले पर कड़ी कार्रवाई करने का निवेदन किया है, किशोर कुमार मायती ने बाताया की जहां एक तरफ पुरे देश पर्यावरण को लेकर अभियान चलाया जा रहा है लोगों को वृक्षारोपण करने के लिए जागरूक किया जा रहा है कि प्रदूषण को कम किया जा सके किन्तु राजहरा नगर में ईसके ठीक विपरीत कार्य हो रहा है।कुछ लोगों द्वारा मशीन लेकर खुलेआम टाउनशिप क्षेत्र में पेड़ों की जड़ से कटाई की जा रही है और इसके लिए किसी से परमीशन भी नहीं लिया जा रहा है और पेड़ काटकर लकड़ी का खरीद फरोख्त किया जा रहा है।इसी क्रम पंडर दल्ली क्षेत्र में वार्ड क्रमांक 01  में निवासरत  एक व्यक्ति द्वारा वर्षों पुराने जामुन के फलदर वृक्ष को जड़ से कटवा दिया है जोकि बहुत ही शर्मनाक और अपराधिक कृत्य है , जिसने ईस वृक्ष को लगाया वह बीएसपी से सेवानिवृत्त हो कर चले गए,ये तृतीय पक्ष में आवास आबंटन करवा कर वृक्षों की कटाई कर खरीद फरोख्त में लगे हैं ।

संघ का स्पष्ट मानना है कि ईस तरह पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले के ऊपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जिससे भविष्य में इस पर विराम लग सके। लेकिन जो ईस तरह खुलेआम वृक्षों की कटाई हो रही है उस पर वनविभाग की भूमिका भी संदेहजनक लगती है आज पत्र देकर दो दिन होने को है मगर वनविभाग द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही का न करना संदेह को जन्म देता है। पेड़ की कटाई कर लकड़ी घर पर रखा हुआ है मगर वनविभाग द्वारा सुस्त चाल से कार्यवाही करने की मंशा समझ से परे है। ऐसा लगता है कि लकड़ी को अन्यत्र हटाने के लिए पूरा समय दिया जा रहा है।आज पूरे नगर में वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हो रही है और वन विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है या लकड़ी तस्करों द्वारा मीठी नींद की गोली दी गई है। इसलिए संघ ने इस बार शिकायत की एक प्रतिलिपि सीएसपी राजहरा को भी दिया है जिससे नगर में चल रहे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोका जा सके।
अंत में संघ वनविभाग के अधिकारियों से निवेदन करता है कि ईस तत्काल कड़ी कार्रवाई करें अन्यथा संघ स्वयं कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी वनविभाग की होगी।

 

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