बालोद जिले में एक ऐसा गांव जिन्हें सैन्य ग्राम के नाम से जाना जाता है जिला मुख्यालय से लगभग 11 किमी दूर ग्राम नेवारीखुर्द इस गांव के लगभग हर एक घर पीछे एक जवान देश की रक्षा के लिए बीएसएफ, आर्मी, सीआईएसएफ, वायु सेना, पुलिस, सीआरपीएफ सहित विभिन्न सैन्य संगठन में भर्ती होकर देश की रक्षा कर रहे या कुछ सेवानिवृत्त हो गए।
इस गांव में अधिक भारतीय सेना के जवान होने की वजह से इस गांव को सैनिक ग्राम भी कहते है
गांव के इन सभी 80 जवानों ने मिलकर गांव को एक विशेष पहचान दिलाने के लिए 3 लाख रुपए की लागत से विशाल व आकर्षक प्रवेश द्वार बनाया।
इस प्रवेश द्वार में भारतीय सेना में शामिल युध्द में उपयोग आने वाले वाहन भी बनाया गया है।
प्रवेश द्वार को देख व यहां से गांव में प्रवेश करने पर देश भक्ति का उत्साह व ऊर्जा उतपन्न हो जाती है।
ग्रामीणों ने कहा हमे गर्व है हमारे गांव के जवान सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा कर रहे है।
ग्रामीण अध्यक्ष आरके यादव व सरपंच पति राजेन्द्र निषाद ने कहा कि हमे गर्व है हम इस गांव के निवासी है। हमारे गांव के युवाओ में देश भक्ति की जुनून भरा हुआ है। सुबह शाम गांव के युवा नदी में जाकर सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी करते है। खेल कूद में भी यहां के युवा आगे है।
आज जिले भर में हमारे गांव को सैनिक ग्राम का दर्जा मिला है ये सिर्फ यहां के जवानों के बदौलत ही है।
आने वाले दिनों में भी कई और युवा सेना में भर्ती होंगे।
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