nnbcindia24/वीरेंद्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा ।सेल कर्मियों के वेतन समझौते हेतु हुए एमओयू एवं एरियर्स वितरण तथा नए वेतनमान के फीडिंग के उपरांत खदान कर्मियों में सेल प्रबंधन के दोहरे मापदंड के विरुद्ध रोष उत्पन्न है। जहाँ एक तरफ अधिकारीयों को पर्क्स का भी एरियर्स दिया गया है वहीँ दूसरी तरफ कर्मियों के लिए पर्क्स को दिनांक 18.11.2021 से प्रभावी मानते हुए पर्क्स के एरियर्स से कर्मियों को वंचित रखा गया है। उक्त एमओयू में इस बात का भी स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि खदान कर्मियों को मिलने वाले दासा राशि को पर्क्स में नहीं जोड़ा जावेगा। किन्तु कर्मियों को दासा का न तो एरियर्स राशि प्रदान की गयी है और न ही नए वेतनमान के 10% के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में जानकारी मिलने पर राजहरा खदान समूह में कार्यरत विभिन्न श्रम संगठनों ने इसका विरोध करते हुए सेल प्रबंधन एवं स्थानीय बीएसपी प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा था जिसमे दासा के एरियर्स राशि एवं नए वेतनमान के 10% राशि को दासा के रूप में तत्काल देने की मांग की थी और प्रबंधन द्वारा ऐसा न करने पर कड़े कदम उठाने की चेतावनी भी दी थी। इस तारतम्य में खदान उच्च प्रबंधन ने भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध खदान मजदूर संघ भिलाई, एटक से सम्बद्ध संयुक्त खदान मजदूर संघ एवं इंटुक से सम्बद्ध मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधियों को बुलाकर चर्चा की। उक्त चर्चा में प्रबंधन की तरफ से अधिशासी निदेशक खदान एवं रावघाट मानस विश्वास, मुख्य महाप्रबंधक खदान आईओसी राजहरा तपन सूत्रधार, महाप्रबंधक कार्मिक खदान मुख्यालय सूरज कुमार सोनी, महाप्रबंधक दल्ली यंत्रीकृत खदान सिरपुरकर एवं महाप्रबंधक राजहरा यंत्रीकृत खदान चिंताला श्रीकांत उपस्थित थे।
चर्चा के दौरान सभी श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक मत से यह कहा कि सेल एवं बीएसपी प्रबंधन के द्वारा दासा राशि को पुराने वेतनमान के हिसाब से देने का वे विरोध करते हैं और यह मांग करते हैं कि तत्काल इसपर निर्णय लेते हुए सभी खदान कर्मियों को नए वेतनमान का 10% दासा के रूप में दिया जाना शुरू किया जावे और जिस तरह से अधिकारीयों को पर्क्स का एरियर्स दिया गया है उसी तरह से कर्मियों को भी दासा का एरियर्स दिया जावे। सभी श्रम संगठनों ने प्रबंधन को यह भी याद दिलाया कि पिछले वेतन समझौते के बाद भी बीएसपी प्रबंधन ने यही किया था जबकि आरएमडी के खदानों में नए वेतनमान का 10% राशि एवं उसका एरियर्स भी कर्मियों को दिया गया था जिसके फलस्वरूप राजहरा खदान समूह के कर्मियों ने चार दिवसीय आंदोलन किया था और प्रबंधन ने नए वेतनमान का 10% राशि देना स्वीकार किया था। ऐसे में यह लगता है कि बीएसपी प्रबंधन कर्मियों को पुनः आंदोलन के राह पर धकेलना चाहता है। जहां तक दासा के एरियर्स की बात है तो पिछले वेतन समझौते के बाद दासा के एरियर्स का भुगतान भी अभी तक राजहरा खदान कर्मियों को नहीं मिला है और इस नए वेतन समझौते के बाद भी ऐसा लगता है कि सेल प्रबंधन और बीएसपी प्रबंधन खदान कर्मियों को आंदोलन हेतु उकसा रहा है।
श्रम संगठनों के विचार सुनने के उपरांत अधिशासी निदेशक खदान एवं रावघाट ने कहा कि श्रम संगठनों की मांग से सेल उच्च प्रबंधन को अवगत करा दिया गया है और शीघ्र ही इसपर समुचित निर्णय लिया जावेगा जो कि कर्मियों के हित में होने का उन्हें पूरा भरोसा है। अतः उन्होंने सभी श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों से आंदोलन न करने की बात कहते हुए आश्वासन दिया कि बहुत जल्द ही इसपर निर्णय ले लिया जावेगा। अधिशासी निदेशक के इस आश्वासन पर सभी श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने भरोसा करते हुए कहा कि अगर सेल और बीएसपी प्रबंधन जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेते हैं या फिर निर्णय लेने में देरी की जाती है तो यह कंपनी के हित में नहीं होगा। इसके अलावा कर्मियों से सम्बंधित अन्य मुद्दों पर भी सकारत्मक चर्चा हुई। इस चर्चा में बीएमएस के तरफ से अध्यक्ष एमपीसिंह, उप महासचिव लखनलाल चौधरी, बालोद जिला मंत्री मुस्ताक अहमद, एटक के तरफ से महामंत्री कवलजीत सिंह मान एवं इंटुक के तरफ से प्रदेश इंटुक सचिव अभय सिंह उपस्थित रहे।
नए वेतनमान के फीडिंग के उपरांत खदान कर्मियों में सेल प्रबंधन के दोहरे मापदंड के विरुद्ध रोष उत्पन्न

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