Breaking
Thu. Nov 20th, 2025

nbcindia24/वीरेन्द्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा ।जिलाध्यक्ष अनु. जनजाति मोर्चा व सांसद प्रतिनिधि विक्रम ध्रुवे ने कहा कि आदिवासी तभी सशक्त होंगे जब उनकी वास्तविक आवश्यकताओं पर ध्यान देकर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा। श्री ध्रुवे ने कहा संविधान में आदिवासियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं परन्तु उन्हें उनके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक करना होगा।
श्री ध्रुवे ने कहा कि आमतौर पर यह कहा जाता है कि भारत की आत्मा ग्रामीण इलाकों में बसती है। ठीक इसी प्रकार छत्तीसगढ़ प्रदेश की आत्मा भी जनजातियों में ही बसती है और जिस प्रकार जीव के उत्थान के लिए आत्मा का उत्थान आवश्यक है उसी प्रकार आदिवासी जन समुदायों के उत्थान से ही हमारे प्रदेश सहित भारत की उन्नति संभव है।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी के आंदोलन में शहीद वीर नारायण सिंह, शहीद गुंडाधुर, शहीद गैंदसिंह जैसे कई नायकों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा भी कई ऐसी जनजातीय हस्तियाँ हैं, जो इतिहास के पन्नों में गुम हैं। हमें इनका नाम सामने लाने के प्रयास करना चाहिए।
श्री ध्रुवे ने कहा कि हमें इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि उन्नति का अर्थ जनजातियों के रुख को आधुनिकता और भौतिकतावाद की तरफ मोड़ देना नहीं होता, बल्कि उन्नति का असली अर्थ, उनकी सांस्कृतिक विरासत को सहेजकर, संभालकर और उसे आगे बढ़ाकर जनजातियों को मुख्यधारा से जोड़ना होता है।
श्री ध्रुवे ने कहा कि हमारे आदिवासी जनजातियों में जागरूकता के अभाव में कुछ अराजक तत्व उन्हें दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। आदिवासी समाज को उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। उनके दुष्प्रयत्नों का प्रत्युत्तर केवल एक जागरूक और शिक्षित आदिवासी समाज ही दे सकता है। अतः आदिवासी समाज में अधिक से अधिक शिक्षा का प्रसार करना होगा।उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में अथाह ज्ञान का भंडार है। इस ज्ञान का आधुनिक विज्ञान से मेल कराकर उत्कृष्ट सक्षम मानव संसाधन का निर्माण कर सकते हैं। श्री ध्रुवे ने कहा कि आज आवश्यकता है कि जनजातियों की कला को प्रोत्साहन दें और उसे विश्व पटल पर उभारने का प्रयास करें। साथ ही उनके ज्ञान से हम भी कुछ ग्रहण करें और सब मिलकर जनजातियों की उन्नति के लिए प्रयास करें।

Nbcindia24

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed