धर्मेन्द्र सिंह सुकमा: सुकमा जिले के नगर पालिका क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से सरकारी धन के दुरुपयोग का ताजा मामला सामने आया है। आरईएस कॉलोनी में नाली और पुसामीपारा से कुम्हाररास के बीच टो-वाल का निर्माण कागजों में पूरा कर दिया गया, लेकिन वास्तविकता में एक इंच भी निर्माण नहीं हुआ था। इसके बावजूद विभाग के रिकॉर्ड में काम पूर्ण बताकर 9 लाख रुपये का भुगतान जारी कर दिया गया।
पीसीसी सचिव ने लगाए आरोप
पीसीसी सचिव दुर्गेश राय ने आरोप लगाया कि सुकमा पीडब्ल्यूडी के प्रभारी ईई आलोक ध्रुव, एसडीओ बीके शर्मा और सब इंजीनियर चंदन मरकाम इस पूरे गड़बड़ी में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 17 जुलाई को इस मामले की शिकायत अधीक्षण अभियंता से की गई थी, जिसके बाद मामले की भनक अफसरों को लगते ही रविवार की सुबह से काम शुरू कर दिया गया।
लंबे समय से हो रहा था भ्रष्टाचार
दुर्गेश राय ने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अफसर और ठेकेदार आपस में साठ-गांठ कर सरकारी राशि में खेल कर रहे हैं। उन्होंने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
कार्रवाई की मांग
पीसीसी सचिव दुर्गेश राय ने पीडब्ल्यूडी अफसरों पर एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे आगे भी इस तरह के भ्रष्टाचार में शामिल रहेंगे।
एसडीओ ने कहा कि उन्हें नहीं है जानकारी
एसडीओ बीके शर्मा ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि टो-वाल निर्माण के लिए निविदा बुलाई थी और इसके लिए 9.77 लाख रुपये मंजूर किए गए थे। ठेकेदार को 25 अप्रैल 2023 को कार्यादेश जारी किया गया था, लेकिन दो साल तक काम शुरू नहीं कराया गया और 28 मार्च 2025 को बिना काम के ही संबंधित ठेकेदार को 9.57 लाख रुपये जारी कर दिए गए।
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