बीजापुर @ नक्सल गठजोड़ को लेकर भाजपा के आरोप पर विधायक विक्रम के पलटवार के बाद अब राज्य युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह भी सियासी घमासान में कूद पड़े है। अजय ने एक बार फिर विक्रम पर जुबानी हमला बोला है।
बीजापुर जिला पंचायत की जिस गंगालूर सदस्य क्षेत्र में कांग्रेस से समर्थन प्राप्त सोमालू हेमला को लेकर बीते दो दिनों से भाजपा_कांग्रेस आमने सामने है, उसे लेकर अजय ने यह पूरा मामला विधायक की राजनीतिक लालसा से जुड़ा हुआ है।जिस सोमालू को कांग्रेस ने समर्थन दिया है, उसके प्रति उनकी पूरी सहानुभूति है। आशियाना टूटने का दर्द को वे करीब से समझते है, लेकिन जिस भूखंड पर सोमलू अपना मकान बना रहा था, दरसल वह कांग्रेस सत्तासीन रहते विधायक विक्रम के कहने पर रीपा के लिए आरक्षित की गई थी। इस बात को पूरे दावे के साथ तो नहीं कह सकते, लेकिन पटवारी, तहसीलदार के हवाले उन्हें जो जानकारी मिली, उसी का जिक्र वे कर रहे।
अजय ने विधायक पर सोमालू का राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाते कहा कि कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य निर्वाचन क्षेत्र के लिए अधिकृत प्रत्याशी का ऐलान करती है, जिसमें गंगालूर से किसी का नाम शामिल नहीं किया जाता।इसके बाद कांग्रेस की आईटी टीम द्वारा वीडियो वायरल किया जाता है जिसमें विधायक सोमालू को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी बताते नजर आते है, लेकिन विधायक अपने बयान पर कायम रहने के बजाए यकायक चंद घंटे बाद सुर बदल जाते है, इससे साफ प्रतीत होता है कि विधायक मंडावी खुद को पार्टी संगठन से ऊपर आंकते है। चूंकि चुनाव में प्रत्याशी कौन होगा यह संगठन ही तय करता है।
अजय ने कह कि राजनीतिक इच्छापूर्ति के लिए विधायक सोमलू का इस्तेमाल कर रहे है। उसे न्याय तभी मिलेगा जब दोषी अफसर कर्मियों पर कारवाई होगी। चूंकि सत्तासीन विधायक रहते उन्होंने पुराने बस स्टैंड और नया बस स्टैंड के पीछे जब भी बरसात में दर्जनों गरीब, असहायों के छप्पर तोड़े जा रहे थे तब विधायक के मुंह से कोई बोल नहीं फूटे। क्योंकि कारवाइयों के पीछे विधायक के करीबी रसूखदार थे और सोमालू का निर्माणाधीन मकान तोड़ने के पीछे भी एक रसूखदार का हाथ है, जिसकी जानकारी विधायक को है लेकिन नाम उजागर करना नहीं चाहते।
वही अजय ने विधायक के उस बयान का कटाक्ष भी किया जिसमें उन्होंने संविधान की दुहाई दी है, अजय ने कहा कि संविधान की बात करने वाले विधायक को पता होना चाहिए कि इस समय नगरीय निकायों में जहा चुनाव होने है,धारा 144 प्रभावशील है, बाबजूद गिरफ्तारी के नाम पर विधायक ने समर्थकों की भीड़ जुटाकर आचार संहिता का माखौल उड़ाया।
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