राकेश कुमार जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही/ मरवाही ब्लॉक के सेमरदर्री गांव में टीका लगने के बाद डेढ़ महीने मासूम की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने आरोप लगाया की टीका लगने के बाद डेढ़ महीने के बच्चे की तबियत बिगड़ गई,और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई,जिसके बाद गांव व परिवार में मातम पसर गया, मासूम बच्चे के पिता शरवन आयाम का आरोप है की, एक दिन पूर्व ही उसके डेढ़ माह के बच्चे का नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण किया गया था । घर आने के बाद मासूम की स्थिति बिगड़ती गई , इसके बाद बच्चे को कल 4 सितंबर की शाम को इलाज के लिए मरवाही के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए बिलासपुर के लिए रिफर किया गया था और इसके पहले की बिलासपुर के लिए ले जाते बच्चे की जिला अस्पताल में ही मौत हो गई। मासूम महज डेढ़ माह का था।
परिजन का कहना है कि टीकाकरण होने के बाद ही बच्चे की स्थिति ऐसी बिगड़ी की उसकी मौत हो गई जबकि टीका लगाने के पहले बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था।

वही जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. के.के. सोनी का कहना है कि मासूम में खून की कमी थी साथ ही उसको निमोनिया था इस वजह से उसकी तबीयत बिगड़ी और जिला अस्पताल से रेफर के दौरान उसकी मौत हो गई।

मरवाही बीएमओ डॉ. हर्षवर्धन मेहर ने टीके के कारण मौत के आरोपो को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि टीके के कारण मौत नहीं हो सकती क्योंकि सेमरदर्री के स्वास्थ्य केंद्र में इस बच्चे के साथ ही छह अन्य बच्चों को तथा जिले में सैकड़ो अन्य बच्चों को भी टीका लगा था पर सभी की स्थिति सामान्य है और बच्चे स्वस्थ हैं।
बतलादे हाल ही में बिलासपुर के पटैता के कोरोपारा आंगनबाड़ी केंद्र में टीका कारण के बाद दो मासूम की मौत का मामला सामने आया था, जिसके बाद टीकाकरण वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए जा रहे।
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