धर्मेंद्र यादव धमतरी/ आजादी के अमृत महोत्सव मनाने के बावजूद धमतरी जिला के सिहावा विधानसभा के अंतिम सुदूर छोर में बसे बीहड़ वन से अच्छादीत रोजमर्रा की समस्या से जूझता हुआ ग्राम घोरागांव की समस्या का समाधान करने का आज तक किसी भी सरकार ने प्रयास नहीं किया।
जब nbc india 24 के टीम ने प्रधान पाठक गजानंद सोन से संपर्क की तो उन्होंने बताया कि विद्यालय व गाँव तक पहुंचने के लिए दो नाले,जंगल रास्ता व एक बड़ी ऊफनती सोंढूर नदी को पार करना पड़ता है।ग्रामीणों के साथ साथ हमें भी प्रतिदिन जान जोखिम में रख कर कर्तव्य पथ पर सभी शिक्षक साथियों के साथ ऊफनती नदी को पार करना ही पड़ता है ऐसी स्थिति में गाँव तक पहुंचना ही सबसे बड़ी चुनौती है।
गांव तक पहुंचने के लिए दो नालो को पार करना पड़ता है लेकिन इन दोनों नालों में रपटा नहीं है।गाँव वाले अनेको बार शासन प्रशासन से नदी में पुल बनाने हेतु गुहार लगा लगा कर थक गए हैं।आपको बता दें इस आदिवासी बहुल ग्राम में कमार जाति के लोग अधिक है। सरकार कमार जाति को विकास की मुख्य धारा से जोड़ना चाहती हैं, किन्तु समस्या जस की तस है।ग्रामीणों को जान जोखिम में रख ऊफनती नदी को पार करना ही पड़ता है।ग्रामिणों ने शासन से अतिशीघ्र पुल निर्माण की मांग किया है।
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