छत्तीसगढ़/ बालोद सोमवार की रात को अपने मित्र को मैसेज कर, बाइक को डैम के किनारे छोड़ लापता हुए युवक का दो दिन और दो रात गुजर जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला। दुर्ग से आई एसडीआरएफ की टीम के विशेष गोताखोरों ने गहरे पानी के अंदर जाकर भी देखा लेकिन कुछ भी नही पता चला। “गुड बाय और नही हो पा रहा अब मेरे से, डैम आकर बाइक ले जाना” का मैसेज अपने मित्र को करने के बाद से मोबाइल बंद कर लापता नरेश कुमार नागेश्वर को ढूंढने के लिए आत्महत्या की आशंका के मद्देनजर पुलिस प्रशासन द्वारा मंगलवार देर शाम तक बालोद से बुलाई गई गोताखोरों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और बुधवार को सुबह छह बजे से फिर डैम की जांच गोताखोर टीम ने की लेकिन कुछ भी हाथ नही लगा। जिसके बाद लगभग दोपहर एक बजे दुर्ग से एसडीआरएफ की दस सदस्यीय टीम ऑक्सीजन सिलेंडरों और मास्क आदि से लैस होकर बोइरडीह डैम पहुंची और स्कूबा डीप डाइवर राजकुमार यादव और चंद्रप्रताप जंघेल डैम में 40 फीट से अधिक गहराई तक डैम में उतरे और बीएसपी को सप्लाई होने वाले पानी की टंकी के चारो तरफ लगातार खोजबीन की गई लेकिन कुछ भी सुराग नहीं मिला और शाम लगभग साढ़े पांच बजे रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर टीम वापस रवाना हो गई।
गौरतलब है कि सोमवार की रात को लापता युवक नरेश के द्वारा अपने मित्र को किए गए मैसेज और डैम के किनारे बाइक मिलने के कारण डैम में कूदकर आत्महत्या की आशंका के आधार पर पुलिस प्रशासन द्वारा दो दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जिसमे कुछ भी सफलता नहीं प्राप्त हुई, वहीं आसपास के जंगल और पहाड़ों पर भी पुलिस टीम ने सर्चिंग की लेकिन कुछ नही मिलने से अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। जानकारों के मुताबिक सामान्य तौर पर पानी में डूबने के बाद 24 घंटे में भीतर शरीर पानी में ऊपर आ जाता है लेकिन 45 घंटे गुजर जाने के बाद और लगातार दो दिन बोइरडीह डैम में चले सर्च ऑपरेशन के बाद भी कोई सफलता हाथ नहीं लगने के कारण अब मामला पेचीदा हो गया है।
सूत्रों की मानें तो मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हो सकता हैं वही लापता युवक के परिचितों का मानना है कि नरेश आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकता। इस प्रकार से दो दिन गुजर जाने के बाद भी लापता युवक नरेश की कोई जानकारी नहीं मिलने के कारण परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
मामले को लेकर सीएसपी राजहरा चित्रा वर्मा का कहना है कि लापता युवक द्वारा भेजे गए मैसेज और डैम किनारे मिली बाइक के कारण आत्महत्या किए जाने की संभावना के आधार पर दो दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, बीएसपी की पानी सप्लाई को बंद करवा दुर्ग की एसडीआरएफ की टीम ने गहरे पानी में लगभग 40 फीट नीचे जाकर चारो तरफ खोजबीन की लेकिन कुछ भी पता नहीं चला। अब दूसरे पहलुओं को आधार बनाकर जांच की जाएगी ।
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