CHHATTISGARH: मंदिर से उतारा गया 150 साल पूर्व लगे इस्लामिक पताका, सोशल मीडिया में फोटो वायरल के बाद देशभर में चर्चा में आया था मंदिर। 

छत्तीसगढ़/बालोद/ मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी हैं हम वतन के हिंदुस्ता हमारा. जी हाँ आज सही मायने में यह कहावत छत्तीसगढ़ के बालोद जिला में चरितार्थ हो गया. जब चंडी मंदिर में डेढ़ सौ साल पहले लगे 786 लिखा इस्लामिक पताका को बिना किसी विवाद सहसम्मान सर्वसम्मति से उतार मुस्लिम समुदाय को सौपा गया।

जानकार बताते हैं कि गुंडरदेही नगर स्थित रामसागर तालाब मे डेढ़ सौ साल पूर्व मां चंडी देवी की प्रतिमा निकली थी जिन्हें तब के जमीदार स्वर्गीय राजा निहाल सिंह राय द्वारा मंदिर बनवा स्थापित कर प्रतिमा के ऊपरी हिस्से में 786 लिखा इस्लामिक पताका लगाया जिसके बाद से यह मंदिर कौमी एकता की मिसाल बन गया।

बीते कुछ दिनों पूर्व मंदिर में लगे इस्लामिक पताका की फोटो सोशल मीडिया में वायरल किया गया जिसके बाद यह मंदिर प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया जहाँ लोग और कई संगठन अपने अपने शब्दों मे तरह तरह की बातें शेयर करने लगे।

इन सब को देखते हुए भविष्य में किसी तरह नगर की हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारे में मतभेद उत्पन्न ना हो इसे लेकर जमीदार परिवार के वंशज और मंदिर के संरक्षक राजेंद्र कुमार राय, मंदिर समिति, राजनीतिक, नगर के गणमान्य नागरिक के साथ मुस्लिम समाज के लोग आपस में बैठक कर सर्वसम्मति से मंदिर लगने लगी इस्लामिक पताका उतार मुस्लिम समुदाय को सौंपने का निर्णय लिया।

जहाँ शुक्रवार 3 मार्च को मंदिर के संरक्षक राजेंद्र कुमार राय, हिंदू समाज, मुस्लिम समाज और गणमान्य नागरिक के साथ पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में मंदिर में पूजापाठ के बाद इस्लामिक पताका को उतार मुस्लिम समुदाय को सौंपा गया।

सलीम खान. गुंडरदेही मुस्लिम समाज अध्यक्ष

गुंडरदेही मुस्लिम समाज के अध्यक्ष ने कहा मैं गुंडरदेही नगर के समस्त भाइयों को यह संदेश देना चाहूंगा कि गुंडरदेही में जो हिंदू मुस्लिम एकता कायम है वह हमेशा बना रहे हमें बाहरी व्यक्ति के बहकावे में नहीं आना है हमारे बड़े बुजुर्गों ने हमें जो एकता का संदेश देकर गए हैं हमें उन्हीं का पालन करना है वक्त के हिसाब से उतारा गया है डेढ़ सौ साल से पहले लगा हुआ था हमको इसके इसे उतारने से कोई तकलीफ नहीं है स्वर्गीय निहाल सिंह राय मरने से पहले वसीयत लिख कर के गए थे कि मेरे मरने के बाद मेरी शरीर को कब्रिस्तान में दफना देना आज वह रहते तो यह नही होता हम लोगों में कोई भेदभाव नहीं है बाहरी ताकत जो हमें लड़ाना चाहते हैं वह कभी सफल नहीं होंगे।

राजेंद्र कुमार राय. संरक्षक चंडी मंदिर गुंडरदेही

आज का दिन हम सबके लिए ऐतिहासिक दिन है आज गुंडरदेही वालों ने साबित कर दिया कि हिंदू-मुस्लिम एकता जिंदाबाद है कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में फोटो डाल हमारे बीच मतभेद डालने का प्रयास किया इसलिए समय के देखते हुए फैसला लिया गया और आज हिंदू मुस्लिम सभी की उपस्थिति में मां चंडी देवी और हजरत बाबा की पूजा के बाद पताका उतार मुस्लिम समाज को सौंप दिया गया है और नगर में हमेशा इसी तरह हिंदू मुस्लिम एकता का कायम रहेगा ।

Nbcindia24