राजहरा खदान में स्पाट टेण्डर के नाम पर खुलकर किये जा रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जाये-लखन चौधरी

Nbcindia24/ वीरेंद्र भारद्वाज / दल्ली राजहरा । खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के उपमहासचिव लखनलाल चौधरी ने मुख्य महाप्रबंधक (खदान एवं रावघाट) आई.ओ.सी. राजहरा को ज्ञापन सौंपकर राजहरा खदान में स्पाट टेण्डर के नाम पर खुलकर किये जा रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और इस खेल में शामिल ठेकेदार और भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। लखन लाल चौधरी ने बताया की राजहरा खदान समूह में बार बार अधिकारियों द्वारा स्पाट टेण्डर के नाम पर भ्रष्ट ठेकेदारों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस संबंध में पूर्व में भी बी.एस.पी के अन्य ठेकेदारों ने ही लिखित शिकायत किया था कि अगर उनका पंजीयन बी.एस.पी. में किया गया है तो उनको स्पाट टेण्डर के ठेकों में भाग लेने के लिए क्यों आमंत्रित नहीं किया जाता है? इसी संबंध में युनियन भी लिखित शिकायत कर चुकी है। मगर कुछ दिन तो रोक
लगती है पर कुछ दिनों बाद पुनः भ्रष्टाचार खुलकर किया जाता है। इसका ताजा उदाहरण अभी कुछ माह पूर्व दल्ली यंत्रीकृत खदान में स्पाट टेण्डर किया जाने वाला था और उसमें खदान के भ्रष्ट ठेकेदार (सोसायटी संचालक) को कार्य दिलाने के लिए अन्य सिर्फ दो लोगों को ही उस स्पाट टेण्डर में आमंत्रित किया गया था जिसमें से एक अपना एक भी कार्य सही तरीके से नहीं कर पाता है और अपने को उच्च अधिकारी का खास बता कर खदान में धमकी भी देता है। और इसमें एक महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कार्य मेकेनिकल श्रेणी का था और जिन दो लोगों को आमंत्रित किया गया था। उनका पंजीयन मैकेनिकल श्रेणी में नहीं थाइसकी जानकारी यूनियन को मिलने पर यूनियन ने इस पर लिखितआपत्ति दर्ज कराया और इसकी शिकायत विजिलेंसभिलाई से भी की और फिर उस स्पाट टेण्डर पर रोक लगाया गया जिससे साफ पता चलता है कि स्पाट टेण्डर खदान की आवश्यकता नहीं बल्कि भ्रष्टाचार करने का एक माध्यम है यहाँ गौर करने
वाली एक बात महत्वपूर्ण है कि जिस सोसायटी संचालक को भ्रष्टाचार के आरोप पर उसकी सोसायटी को खदान प्रबंधन ने ही निलंबित किया हुआ है इस सोसायटी संचालक के विषय में
भीलाई विजिलेंस ने अपने जाँच में स्पष्ट कहा है कि ईस सोसायटी संचालक के खदान में चल रहे सभी ठेको की सूक्ष्म जाँच की जावे और मजे की बात तो ये है कि इस सोसायटी संचालक के साथ खदान में ठेकों में भ्रष्टाचार करने के आरोप में राजहरा खदान के तत्कालीन डी.जी.एम. का एकइंक्रीमेंट काटा गया है और पूर्व एजेन्ट राजहरा को चेतावनी पत्र दिया गया है और एक अन्य अधिकारी को भी प्रबंधन ने चेतावनी पत्र दिया है और ये सारे दस्तावेज उच्च न्यायालय में चल रहे भ्रष्टाचार के मामले में किया है और इन सारी जीचों के बाद भी भी कुछ दिन पूर्व दल्ली यंत्रीकृत खदान के एक अधिकारी ने फिर स्पॉट टेण्डर कर खदान के भ्रष्ट सोसायटी संचालक को कार्य दिया है। जोकि काफी खेदजनक है। लखन चौधरी ने बताया कि ईस स्पाट टेंडर की शिकायत संघ ने सेल सतर्कता विभाग सेल कारपोरेट दिल्ली ( सीवीसी) में भी की है। संघ की मांग है कि इस स्पॉट टेण्डर की गहन जाँच होनी चाहिए कि बार बार विरोध होने केबाद भी मेन पावर के टेण्डर में स्पॉट टेण्डर क्यों किया जा रहा है। क्या इसमें खदान में श्रमिकों की भर्ती में अधिकारी और ठेकेदार मिलकर भ्रष्टाचार करने में तो नहीं लगे हैं। और अगर इतना ही जरूरी कार्य था कि बीना स्पॉट टेण्डर के चल नहीं सकता है तो इसमें बी.एस.पी. के अन्य पंजीकृत ठेकेदारों को शामिल क्यों नहीं दिया गया? क्या इसमें पैसों का बंदरबाट अधिकारियों के साथ मिलकर किया जा रहा है? इसलिए इस स्पॉट टेण्डर को तत्काल रद्द किया जाये और भ्रष्टाचार में शामिल निलंबित
सोसायटी संचालक जिसने अपने सोसायटी पर लगे निलंबन पर हाइकोर्ट से स्टे लाया हुआ है और मजे की बात तो इसकें स्टे के खिलाफ प्रबंधन ने आज लगभग 10 माह होने के बाद भी हाईकोर्ट में कोई चैलेंज कोई विरोध नहीं किया इससे साफ़ पता चलता है कि खदान में भ्रष्टाचार की तार बहुत ही गहराई तक जुड़ी हुई है। और इसमें भ्रष्ट ठेकेदार के साथ साथ बी.एस.पी. के कुछ अधिकारी भी खुलकर शामिल है। संघ को जानकारी मिली है कि कोई भी स्टे 6 माह तक ही मान्य होता है। मगर यहाँ सोसायटी संचालक के स्टे के खिलाफ न तो प्रबंधन कोर्ट जा रही है और न ही उसके स्टे को 6 माह के बाद अमान्य कर रही है। इसके विपरीत जिस सोसायटी संचालक को स्वयं बी.एस.पी. प्रबंधन खदान के ठेके में ठेका श्रमिकों और बी.एस.पी. का पैसा गबन करने के आरोप में निलंबित की हुई है, उसे ही बुला बुलाकर स्पॉट टेण्डर कर कार्य देना बहुत सी शंकाओं को जन्म देता है, इसकी सूक्ष्म जाँच होनी आवश्यक है। अगर इस पर तत्काल कड़ी कार्यवाही नहीं की जाती है तो संघ समुचित कार्यवाही के लिए किसी भी मंच पर जाने के लिए बाध्य होगा। जिससे होने वाली कम्पनी की किसी भी प्रकार की बदनामी
के लिए आप स्वयं जिम्मेदार रहेंगे।

 

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