Breaking
Sat. Nov 22nd, 2025

Nbcindia24/ वीरेन्द्र भारद्वाज/दल्लीराजहरा ।  शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या नावेल टीचर्स क्रिएटिव फाउंडेशन द्वारा निषाद भवन दल्ली राजहरा में शैक्षिक संगोष्ठी तथा गायन का कार्यक्रम एनटीसीएफ के प्रांतीय संयोजक अरुण कुमार साहू की अध्यक्षता में संपन्न हुआ ।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि  शिबू नायर नगर पालिका अध्यक्ष दल्ली राजहरा थे । विशेष अतिथि श्रीमती शिरोमणी माथुर , अब्दुल लतीफ खान , घनश्याम पारकर तथा प्राचार्य श्उमेश कुमार अग्रवाल थे। कार्यक्रम के संचालक ताम सिंह पारकर ने बताया कि कार्यक्रम की थीम बदलती दुनिया के लिए शिक्षा थी जिसमे अभिनव शिक्षण पद्धति तथा शिक्षक की आदर्शवादीता पर गंभीर परिचर्चा हुई। प्रांतीय संयोजक श्री अरुण कुमार साहू ने एनटीसीएफ के उद्देश्यों तथा शिक्षकों के कर्तव्यों पर प्रकाश कहा कि एक शिक्षक छात्र को कर्णधार जिम्मेदार नागरिक में परिणित करता है बच्चों में सामाजिक ,बौद्धिक नैतिक विकास करना शिक्षक का कर्तव्य है। मुख्य अतिथि श्री शिबू नायर ने कहा कि समाज में जागरूक सदस्य के रूप में अध्यापकों से हमारी बड़ी ही अपेक्षाएं होती हैं । शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की भावी परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान दें। श्रीमती शिरोमणी माथुर ने बताया कि शिक्षक को केवल अपने विषय का ज्ञान होना पर्याप्त नहीं है बल्कि बाल मनोविज्ञान का होना भी परम आवश्यक है। शिक्षक सभ्यता की ज्योति प्रज्वलित करती है। विद्यालय भवन साज सज्जा अन्य उपकरण कितने भी अच्छे हैं परंतु यदि योग्य शिक्षक नहीं है तो शिक्षा प्रद वातावरण का निर्माण नहीं किया जा सकता ऐसे विद्यालय से निकले छात्र समाज के लिए भार ही होंगे। वरिष्ठ साहित्यकार अब्दुल लतीफ खान ने कहा कि शिक्षक का व्यक्तित्व वह दूरी है जिस पर शिक्षा व्यवस्था घूमती हुई नजर आती है। साथ ही मन को झकझोर ती हुई बहुत ही संवेदनशील उत्कृष्ट शब्द संयोजन के साथ काव्य पाठ किए। हास्य कवि श्री घनश्याम पार कर ने कहा कि शिक्षक सफलता की तमाम कहानियां लिखना चाहता है बदलाव और समय के घूमते पहियों के साथ कदम मिलाकर चलना चाहता है वह बदलाव के विरोधी नहीं है लेकिन माहौल की निराशा का दिमाग उसके रचनात्मक मन के कोने को धीरे-धीरे चाट रहा है। साथ ही विघ्नहर्ता गणेश जी के आधुनिक वेशभूषा पर कटाक्ष करते हुए व्यंग्यात्मक काव्य पाठ किए। प्राचार्य उमेश अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा तथा विद्यार्थियों में भावनात्मक संबंध होनी चाहिए ,बच्चों के आत्म स्वाभिमान को जानने का प्रयास करना चाहिए ।साथ ही यदि समाज शिक्षकों का आलोचना करते हैं तो अच्छे काम की तारीफ भी करनी चाहिए। शिक्षकों के बेहतर भविष्य के सपने देखते हैं तो हमें शिक्षकों का विचार भी जानना चाहिए ।सवाल और जवाब के बीच की खाई को पाटने के सुझाव पर साझीदार बनाना चाहिए। व्याख्याता पोषण साहू ने कहा कि शिक्षक शिक्षाविदों की गुनी भूल भुलैया की प्रयोगशाला में अपने धैर्य की परीक्षा दे रहा है बच्चों को अपने सामने परीक्षा से भयमुक्त और जिम्मेदारी से मुक्त हुए देख रहा है। कार्यक्रम के अगले चरण में गजेंद्र रावते और शिल्पी राय ने मंच संचालन किए।श्रीमती मुनमुन सिन्हा ने अपने सु मधुर सुरीले गीतों से सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया l युवा साहित्यकार अजीत तिवारी ने वीर रस भरी विशिष्ट सृजनात्मक काव्य पाठ से सभी के हृदय को उद्वेलित कर दिया। साथ ही शिल्पी राय रंजना साहू मोना रावत शोभा बेंजामिन देवंतीन पारकर कर प्रतिभा साहू , राजमल जैन ,लीलाधर ठाकुर ,राजकुमार प्रजापति तथा भूषण ध्रुव आदि ने अपनी स्वरचित कविता तथा गायन से माहौल को सराबोर कर दिया । अंत में व्याख्याता दिनेश कुमार साहू ने कार्यक्रम की समीक्षा तथा धन्यवाद ज्ञापित किए।

Nbcindia24

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed