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Nbcindia24/ वीरेंद्र भारद्वाज/ दल्ली राजहरा । लौह अयस्क समूह राजहरा में ठेका श्रमिकों के माइंस एलाउंस, नाइट शिफ्ट एलाउंस, एवं चिकित्सा सुविधा लागू करने की मांग को लेकर सीटू व सीएमएसएस यूनियन के नेतृत्व में जबरदस्त सफल हडताल हुई।


उल्लेखनीय है कि ठेका श्रमिकों की इन्हीं मांगों को लेकर सीटू व सीएमएसएस के नेतृत्व में 7 जनवरी 2022 को हड़ताल की गई थी। इस दौरान 9 घंटे चली लंबी बैठक में प्रबंधन और यूनियन के मध्य बनी लिखित सहमति मे तय किया गया था कि ठेका श्रमिकों को माइंस भत्ता,नाइट शिफ्ट एलाउंस, व चिकित्सा सुविधा 1अप्रैल 2022 से लागू किया जायेगा। लेकिन 7 महीना बीतने के बाद भी मैनेजमेंट ने इस समझौता को लागू नहीं किया जिससे ठेका श्रमिक बेहद आक्रोशित थे। इन 7 महीनों में यूनियन ने कई बार प्रबंधन से बैठक व चर्चा कर इसे लागू करने का दबाव बनाया, लेकिन प्रबंधन ने तरह तरह की बहानेबाजी कर इसमें विलंब किया।

इसी बीच यूनियन ने एक बार हडताल नोटिस भी दिया।जिस पर प्रबंधन ने 26 मार्च को बैठक बुलाकर लंबी चर्चा की और आश्वासन दिया कि 1 मई मजदूर दिवस को समझौता लागू कर दिया जायेगा।लेकिन समझौता लागू न करते हुए प्रबंधन ने पुनः वादाखिलाफी की।
यहां ये भी उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर सीटू व सीएमएसएस यूनियन ने जब भी आन्दोलन का आह्वान किया, हर बार एटक, इंटक, व बीएमएस यूनियन ने कहा कि बस समझौता लागू होने वाला है आन्दोलन की कोई जरूरत नहीं है।इन्होंने हर बार आन्दोलन को विफल करने और प्रबंधन का साथ देने की पूरी कोशिश की।इन्होनें दिखावे के लिए एक बार प्रबंधन को पत्र भी लिखा जिसमें जिक्र किया की यदि समझौता 30 जून तक लागू नहीं हुआ तो सीधी कार्यवाही में जायेंगे। लेकिन समझौता लागू नहीं हुआ और ये लोग चुपचाप बैठे रहे इन्होंने कुछ नहीं किया।
इस बार भी जब सीटू व सीएमएसएस ने 25 जुलाई को हडताल नोटिस दिया तो ये लोग फिर अपना वही पुराना राग अलापने लगे कि सब कुछ तैयार है समझौता लागू होने वाला है,आन्दोलन की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन इस बार श्रमिकों के आक्रोश के सामने ये तीन यूनियनें (एटक,इंटक,व बीएमएस ) नहीं टिक सकीं। जब इन्हें एहसास हो गया कि इस बार ठेका श्रमिक किसी भी बहकावे में न आकर सीधे हडताल में कूदने वाले हैं तो इन्होंने 11 अगस्त की शाम को हडताल को समर्थन देने का मैसेज वाट्सएप में चलाया।लेकिन ई डी माइंस के द्वारा रात्रि 10 बजे भत्ते के अनुमोदन की सूचना दिए जाने के बाद इनके सुर नरम पड़ गये ।इन्होंने अपने ठेका श्रमिकों को ईडी माइंस के मैसेज को फारवर्ड कर हडताल को कमजोर करने का प्रयास किया, लेकिन एरियर्स सहित भत्ते की मांग पर अडे़ श्रमिकों का मूड भापकर इन्होने प्रतिक्रिया विहीन रहना ही उचित समझा। इज्ज़त बचाने की कवायद में ही इन्होने हडताल को आधे अधूरे मन से समर्थन दिया।
बहरहाल उपरोक्त तमाम कवायदों के बावजूद सीटू व सीएमएसएस के नेतृत्वकारी साथियों व ठेका श्रमिकों ने आज सुबह 5 बजे से ही खदान के मुख्य द्वारों पर मोर्चा संभाला और प्रथम पाली में हडताल अभूतपूर्व रूप से सफल रही। इस बीच प्रबंधन व यूनियनों के मध्य चर्चा व बैठकों का दौर भी जारी रहा।
अंततः दोपहर 3 बजे माइंस प्रबंधन ने ठेका श्रमिकों की मांगों पर लिखित समझौता किया।
जिसमें 100रू प्रतिदिन माइंस एलाउंस, 90 रू. प्रतिदिन नाइट शिफ्ट एलाउंस, 1 अगस्त से लागू करना तय हुआ।अप्रैल से जुलाई तक का माइंस एलाउंस व नाइट शिफ्ट भत्ते के एरियर्स पर भी सकारात्मक रूप से जल्दी ही मंजूरी देने पर सहमति बनी। चिकित्सा सुविधा योजना मे श्रमिकों से अंशदान कटौती पर हमारी आपत्ति को स्वीकार कर तय किया गया कि चिकित्सा सुविधा योजना मे श्रमिकों से कोई अंशदान नहीं लिया जायेगा।
उक्त समझौता बैठक में प्रबंधन की ओर से ,महाप्रबंधक रमेशचंद्र बेहरा,पी एम सिरपुरकर, चिंताला श्रीकांत, श्रम कल्याण अधिकारी संध्या रानी वर्मा, एम डी चंद्राकर, व सीटू की ओर से अध्यक्ष प्रकाश सिंह क्षत्रिय, सचिव पुरषोत्तम सिमैया, कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह, संगठन सचिव सुजीत मुखर्जी, सीएम एस एस यूनियन से संरक्षक गणेश राम चौधरी, अध्यक्ष सोमनाथ उइके, महामंत्री, रामचरन नेताम, एटक अध्यक्ष राजेन्द्र बेहरा शामिल हुए और आज के समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के बाद माइंस कार्यालय के सामने ही श्रमिकों की विशाल सभा सम्पन्न हुई। जिसमें श्रमिकों ने यूनियन को धन्यवाद ज्ञापित किया और जीत की खुशी का इजहार किया।

Nbcindia24

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