रहस्य:- दुर्लभ व प्राचीन मूर्तियां, जो जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते होने लगी खंडित और चोरी।

Nbcindia24/chhattisgarh/

चलिए आज हम आपको एक ऐसी स्थल के बारे में बतलाते है जहां पुरातत्व विभाग व शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते वर्षों पुरानी दुर्लभ प्राचीन मूर्तियां खंडित होने के साथ-साथ चोरी होने लगी है, ग्रामीणों के कथन अनुसार जो भी शख्स इस स्थान से मूर्ति चोरी कर ले जाते हैं उनके घर परिवार में कुछ ऐसी अनहोनी घटनाएं होती है की उन्हें वापिस उस मूर्ति को उसी स्थान पर छोड़ना पड़ता है।

वैसे छत्तीसगढ़ में अनेकों रहस्य हैं जिनके बारे में आज तक कोई नहीं जानता कि वह कब की कहां से और कैसे आया, हालांकि सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार ग्रामीण आज भी पूजा अर्चना करते आ रहे, इन्हीं में से एक छत्तीसगढ़ प्रदेश के बालोद जिला स्थित डौंडी ब्लाक के ग्राम पंचायत नर्राटोला की है, इस गांव में पहुंचने से ठीक पहले खुले आसमान और पेड़ो के नीचे गांव की सरहद के पास झाड़ियों में अनेकों रहस्यों से भरा प्राचीन मूर्तियां हैं, जिनमें देवी देवताओं के साथ-साथ राजा महाराजाओं जैसा स्वरूप बना हुआ है, कई मूर्तियां दुर्लभ है जिसकी बनावट बेहद अलग व बारीकी से हुई है, जनकराम गौर का कहना है कि इस जगह पर कभी बाराती आए हुए थे जो देखते ही देखते मूर्तियों में तब्दील हो गए, हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं है।

ग्रामीण रामलाल बघेल बतलाते की कुछ साल पूर्व इस क्षेत्र में एक तालाब खोदा गया, जिसमें खुदाई के दौरान लोहे का हँसिया व सब्बल निकला, आज भी इस स्थान के आसपास कहीं जमीन की खुदाई करने पर कुछ ना कुछ वर्षों पुरानी वस्तु या मूर्तियां निकलता है, ग्रामीणों का मानना है कि जो भी शख्स इस जगह से चोरी छुपे मूर्तियां लेकर जाता है, उसके घर परिवार में कुछ न कुछ अनहोनी घटनाएं घटित होती है, जिसके चलते मूर्तियां उन्हें वापिस इसी स्थान पर लाकर छोड़ना पड़ता है, नर्राटोला गांव के ग्रामीणों के लिए यह आस्था का केंद्र है और हर तीज त्यौहार में यहां आकर पूजा अर्चना किया करते है।

पीयूष सोनी, मंत्री प्रतिनिधि

शासन-प्रशासन की उदासीनता मंत्री प्रतिनिधि ने दिया आश्वासन

जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते कई मूर्तियां खंडित होने लगी है तो कई चोरियां जरूरत है ऐसे हमारे धरोहरो को संरक्षित और सुरक्षित करने की, जिनपर न तो पुरातत्व विभाग ध्यान दिए और ना ही शासन-प्रशासन, वही मामले में क्षेत्रीय विधायिका व मंत्री अनिला भेड़िया के प्रतिनिधि से मूर्तियों के संरक्षित करने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा मैं इस मामले में शासन प्रशासन से चर्चा कर हर संभव प्रयास करूंगा, देखने वाली बात होगी की इस मामले शासन प्रशासन कब तक गंभीरता दिखाती हैं।

 

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