छत्तीसगढ़ के बक्सवाहा जंगल को बचाने पर्यावरण प्रेमियों ने छेड़ी मुहिम…कहां है छत्तीसगढ़ का बक्सवाहा…? देखें video

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Nbcindia24/Chhattisgarh/ जिला मुख्यालय बालोद में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए जिला मुख्यालय से डौंडीलोहारा जाने वाली मुख्यमार्ग में स्थित ग्राम तरौद से दैहान होकर निकलने वाली 7 किलोमीटर की पहुँच मार्ग को बाईपास मार्ग तब्दील कर बालोद- दल्ली राजहरा मुख्यमार्ग से जोड़ने जा रहा है. वही इस जंगल मार्ग में 3 मीटर चौड़ी सड़क को 10 मीटर कर बाईपास बनाने के लिए सड़क किनारे लगे लगभग 29 सौ पेड़ों को विभाग बलि देने जा रहा है. जिसका विरोधकर पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़ बचाने मुहिम छेड़ दिया है

बालोद जिले में पर्यावरण प्रेमी के नाम से मशहूर भोज साहू शुभम एवं दल्ली राजहरा ग्रीन कमांडो के नाम से मशहूर वीरेंद्र सिंह अपने साथियों के साथ बालोद जिला मुख्यालय पहुंच सड़क निर्माण के नाम पर आने वाले दिनों में काटे जाने वाले पेड़ों को बचाने जिला मुख्यालय में पैदल मार्च निकाल कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

इसके बाद पर्यावरण प्रेमियों की टीम दैहान-तरौद मार्ग में पहुँच चिपको अभियान छेड़ पेड़ों को पकड़ पेड़ों को बचाने के साथ पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।

पर्यावरण प्रेमी भोज साहू

वही पर्यावरण प्रेमी भोज साहू का कहना है कि पेड़ हमारे जीवन का आधार है विकास के नाम पर विभाग और प्रशासन पेड़ों की बलि तो चढ़ा देते हैं लेकिन हरियाली को बरकरार रखने कोई खास कदम नहीं उठाया जाता बल्कि प्लांटेशन के नाम पर खानापूर्ति कर दिया जाता है जिसका असर लगातार पर्यावरण पर पड़ रहा है हम पेड़ों की कटाई नहीं होने देंगे और उसकी लड़ाई लगातार लड़ेंगे।

वीरेंद्र सिंह ग्रीन कमांडो

ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार और प्रशासन 5 साल पेड़ लगा संरक्षण कर देखें फिर काटने की सोचे काटना आसान है पेड़ लगा उसे बचाना उतना ही मुश्किल है, इन पेड़ों को हम काटने नहीं जाएंगे और लगातार हम मुहिम चला इसे बचाने का प्रयास करेंगे।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल को काट वहां से हीरा निकालने की योजना है जिस पर पर्यावरण प्रेमियों ने यही से अपनी आवाज उन पेड़ों को बचाने उठाया था। परंतु अब इनके गृह जिले में इस बक्सवाहा जंगल को बचाने की जिम्मेदारी है जहां पेड़ो को काटने के बाद हीरे नहीं बल्कि बाईपास सड़क निकलने वाला है।

अब ऐसे में उनके गृह जिले में एक और बक्सवाहा जंगल को बचाने की जिम्मेदारी है जहां जंगल में हीरे नहीं परंतु बाईपास सड़क निकालने की तैयारी है

इस आंदोलन में प्रमुख रूप से सामिल हुए दीपक थवानी,दुलेश्वर डडसेना, प्रदीपकुमार साहू, राजकुमार साहू,सचिन कुमार, यशवंत टंडन,यज्ञदत्त भारद्वाज उपस्थित थे..

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