Nbcindia24/ बालोद जिला के एक किसान ने सोशल मीडिया में एक वीडियो अपलोड कर अपनी पीड़ा को बयान करते हुए गन्ना खेती के बाद आ रहें समस्याओं को लेकर सरकार के साथ विपक्ष से सवाल किया है, उन्होंने सवाल पूछा है की क्या धान की पैदावार करने वाले ही किसान हैं…? क्या गन्ने की पैदावार करने वाले किसान नहीं…? तो फिर गन्ने की पैदावार के लिए किसानों को प्रोत्साहित क्यों किया जाता है…?

दरअसल बालोद जिले के गुंडरदेही ग्राम देवगन निवासी लोकेंद्र साहू किसान ने अपने गन्ने के खेत में पीड़ा को बयान करते हुए एक वीडियो बना सोशल मीडिया फेसबुक में अपलोड किया है, जिसमें उन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 में बेचे गए गन्ने की बोनस राशि अब तक नहीं मिलने से धान की बुवाई में आर्थिक समस्या उत्पन्न होने की बात कहते हुए जल्द ही बोनस राशि जारी करने मांग की है, किसान ने बतलाया कि अबतक बोनस राशि मिल जाने इस वक्त उक्त राशि को धान बुवाई में लगाने के साथ दवाई खरीद गन्ने की खेतों में डालते हैं, लेकिन अब पैसे नहीं होने से उन्हें किसानी करने में समस्याएं उत्पन्न हो रहा है।

गौरतलब है कि बालोद जिला का एकमात्र मां दंतेश्वरी शक्कर कारखाना वर्तमान दौर में गन्ने की कम पैदावार से जूझ रहा है, इससे उबरने प्रशासन व सरकार किसानों को गन्ने की पैदावार के लिए प्रेरित कर गन्ने की रकबा बढ़ाने जोर दे रहे, लेकिन जब किसानों को उनकी मेहनत का मेहनताना समय पर नहीं मिल पाएगा तो जाहिर सी बात है की किसान इन फैसलों से मुंह मोड़ लेंगे।
अब सवाल यह भी उठता है कि जो सरकार और विपक्ष अपने आपको किसान हितैषी बतलाते फिर रहे हैं, तो क्या यही है किसानों का हित।

वहीं इस मामले में कलेक्टर जन्मेजय महोबे से फोन पर संपर्क कर जानकारी लिया गया तो उन्होंने बताया कि शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है एग्रीकल्चर से आने के बाद किसानों को दिया जाएगा।
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