छत्तीसगढ़ माटी के चंदन स्व. सुभाष बेलचंदन को छत्तीसगढ़ीया क्रांति सेना के साथीयो ने दी श्रद्धांजलि।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने शिक्षक सुभाष बेलचंदन को दी श्रद्धांजलि, छत्तीसगढ़ संस्कृति को सहेजने की जब भी बात होगी याद किए जाएंगे शिक्षक सुभाष

बालोद के सभी ब्लाक के पदाधिकारियों ने मौन रखकर दी श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ के छत्तीसगढ़ी कला साहित्य के क्षेत्र जाना माना नाम शिक्षक सुभाष बेलचंदन के निधन पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानियों ने श्रद्धांजलि दी। सुभाष बेलचंदन छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए खुलकर अपना विचार रखते थे। वह छत्तीसगढ़ी गेंड़ी नृत्य को बचाने के लिए लगातार नवयुवकों को गेंड़ी नृत्य सिखाते थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ की इस कला को कई राज्यों में अपनी टीम के साथ जाकर प्रस्तुत किया। यही वजह है कि आज उनके निधन पर पूरे छत्तीसगढ़ में शोक की लहर फैल गई।

सिर्फ शिक्षक नहीं थे सुभाष, धरोहर की सुरक्षा में डटे एक सेनानी थे – बघेल

शिक्षक सुभाष बेलचंदन के अंतिम संस्कार कार्यक्रम दुर्ग जिला के नेवई में रखा गया। जहां श्रद्धांजलि देने दुर्ग, भिलाई और बालोद के छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के सेनानी मौके पर पहुंचे थे। दुःख संवेदना प्रकट करते हुए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेशाध्यक्ष श्री अमित बघेल ने कहा कि बहुत कम लोग होते हैं जो बहुत सारी जिम्मेदारी एक साथ उठा पाते हैं। सुभाष बेलचंदन सिर्फ एक शिक्षक नहीं थे। वह एक ऐसे सेनानी थे जो छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी संस्कृति अपनी धरोहर बचाने के लिए लगातार जागरूक करते रहते थे। बच्चों को पढ़ाने का तरीका भी अलग था। बहुत ही कम समय में भगवान ने उन्हें अपने पास बुला लिया। उनका जाना छत्तीसगढ़िया समाज के लिए बहुत बड़ी छति है।

वनांचल गेंड़ी नृत्य को सहेजने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़िया समाज की

प्रदेशाध्यक्ष श्री अमित बघेल ने कहा कि वनांचल गेंड़ी नृत्य को अब सहेजने की जिम्मेदारी सुभाष के शिष्यों की है। सुभाष के उद्देश्यों को पूर्ण मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी सर्व छत्तीसगढ़िया समाज और छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की है। 

बालोद, दल्ली, लोहारा और गुरुर में दिया गया श्रद्धांजलि

सुभाष बेलचंदन वर्तमान में चिलमगोटा लोहारा में शिक्षक के रूप में पदस्थ थे। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिला संयोजक शशिभूषण चंद्राकर ने श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि कोरोना काल की वजह से अपने-अपने गांव और ब्लॉक से छोटी-छोटी टुकड़ियों में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिला सहसंयोजक चंद्रभान साहू ने बताया कि बेलचंदन जी कोरोना से जूझ रहे थे। संजय सोनी ने बताया कि बेलचंदन गुरुजी की लोकप्रियता ऐसी थी कि हर व्यक्ति उन्हें गुरूजी करके ही संबोधित करते थे।

इन लोगों ने दी श्रद्धांजलि –
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना रायपुर से प्रदेश उपाध्यक्ष यशवंत वर्मा, प्रदेश महामंत्री भूषण साहू, प्रदेश आईटी सेल प्रभारी देवेन्द्र नेताम, दुर्ग से जिला अध्यक्ष अरुण गंधर्व, दीपचंद वर्मा, कामेश साहू, बालोद से जिला संयोजक शशिभूषण चंद्राकर, चंद्रभान साहू, सतीश रजक, ललित कांवरे, संजय सोनी, देवेन्द्र साहू, राजू साहू, केदार साहू, सुभाष साहू, करन निषाद, दीपक यादव, टेकराम साहू, उत्तम साहू, सोनू सार्वा, दानी साहू, राजहरा से शेखर भुआर्य, नीरज ठाकुर, दीपक सहारे, गुरुर से झम्मन हिरवानी, जगन्नाथ साहू, पुष्पेन्द्र गंगबेर, वेद देवांगन, पोषण साहू, गुंडरदेही से रेमन साहू, अभिषेक यादव, विक्राल साहू, योगेश साहू, अर्जुन्दा से डी देशमुख, करन निषाद, लोहारा से आदित्य साहू, सिवार्ध कुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

Nbcindia24

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