अजय अग्रवाल डौंडी/ बालोद जिला के डौंडी ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र की शालाओं के समय पूर्व बंद होने और शराब पीकर शिक्षा के मंदिर में आने वाले पुजारियों (शिक्षकों) को सख्त निर्देश दे व्यवस्था सुधारने की जुगत में अधिकारी जुटे है ब्लॉक के ग्राम गोटूलमुंडा, परसबिरही, सिंघोला, बेलोदा और काकड़कसा के स्कूलों के समय पूर्व बंद होने और मगरदाह तथा उकारी के स्कूलों में शराब के नशे में स्कूल पहुंचने वाले शराबी शिक्षकों के समाचार प्रकाशित होने के बाद लापरवाह शिक्षकों और ब्लॉक के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ गई है। सूत्रों के अनुसार बालोद जिला के संवेदनशील कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल के संज्ञान में उक्त मामले आने और उनकी कड़ी फटकार के बाद अब अधिकारी पिछले कुछ दिनों से वनांचल क्षेत्र की शालाओं का दौरा कर समय से स्कूल आने और जाने, शराब पीकर शाला आने वाले शिक्षकों को चेतावनी देते हुए शालाओं का निरीक्षण कर रहे है, वहीं शाला के बंद होने के पूर्व सोशल मीडिया के माध्यम से वेबकैम से खींची गई फोटो भेजना अनिवार्य किया गया है।
आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि मुकेश पौसार्य ने कहा कि डौंडी विकासखंड मूलभूत सुविधाओं के लिए हमेशा से जूझता आया है, शिक्षा की कमी के कारण ही आज हमारा समाज और ब्लॉक पीछे है और यदि शिक्षा के स्तर में आवश्यक सुधार नहीं हुए तो आने वाला देश का भविष्य कहे जाने वाले हमारे नौनिहालों के साथ साथ देश का भविष्य भी खराब हो जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र के साथ साथ मेडिकल सुविधाओं की कमी और गांव-गांव में अवैध शराब की बिक्री की समस्याओं पर भी शासन प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है
अब यह तो समय ही बताएगा कि अधिकारियों की दिशा-निर्देशों पर स्कूलों के शिक्षक कितना अमल कर पाते हैं या रात गई बात गई की कहानी को चरितार्थ करते हैं..?
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