कलेक्टर जन्मेजय महोबे के अथक प्रयास से इस गांव के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के साथ मिल रहे रोजगार के नए अवसर।

Nbcindia24/छत्तीसगढ़/ प्रशासन में गांव के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाने की इच्छाशक्ति हो तो उन्हें कोई बाधा नहीं रोक सकता। कुछ ऐसा ही बालोद जिला में देखने को मिला। जहां रिजर्व फॉरेस्ट की जमीन होने के बावजूद गांव में मूलभूत सुविधाओं के साथ रोजगार के अवसर प्रदान की जा रहे हैं।

ग्रामीणों को मिल रहे हैं रोजगार के नए अवसर

बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र डौंडी ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंघोला के आश्रित गांव सुकड़ीगुहान। 302 की जनसंख्या वाले आश्रित गांव सुकड़ीगुहान 2007 में अस्तित्व में आया। जहां कमार जनजाति के 68 परिवार रहते हैं और अपने पुश्तैनी परंपरागत कार्य बांस से सुपा, टुकनी, झाड़ू एवं वैवाहिक कार्य में उपयोग में आने वाले सामान बना उसे बेचकर अपने परिवार जीविका चलाते आ रहे। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने इनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का निर्णय लिया। जिसके बाद बांस हस्तकला पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम करा इन्हें प्रशिक्षण दिला रहे। ताकि परंपरागत कार्य के अलावा वर्तमान समय में चलने वाले आकर्षक सामान गुलदस्ता, झूमर, सोफा, टेबल, दीवान सहित विभिन्न प्रकार के सामानों का निर्माण कर अपनी आमदनी में इजाफा कर सके। इनके द्वारा निर्मित सामानों को जिला प्रशासन द्वारा बेचने की व्यवस्था भी की गई है।

सुकड़ीगुहान तुलाराम मंडावी

सुकड़ीगुहान तुलाराम मंडावी ने nbcindia24 को बताया कि हमें शासन प्रशासन से अच्छा सहयोग मिल रहा है। और हम अपने परंपरागत कार्य के अलावा वर्तमान समय में चलने वाले नए-नए आकर्षक सामान का भी निर्माण कर रहे। जिससे हमारी आमदनी भी ज्यादा होगी।

गांव में पहुंच रहे मूलभूत सुविधाएं

जंगल मे बसे इस गांव के ग्रामीणों को बारिश के दिनों में पैदल चलना मुश्किल होता था। आज प्रशासन की पहल से सड़क निर्माण किए जा रहे। कभी नाला में झरिया बना पानी इकट्ठा कर उससे पीकर अपना दिन चरिया चलाते थे। आज नलजल योजना के तहत पाइपलाइन बिछा पानी पहुंचाया गया। कभी चिमनी के उजाले में रात बिताते थे। तो घरों में सोलर पैनल लगा उजाला किया गया। अब बिजली सप्लाई पहुँचा घरों को रोशन किया गया है।

68 परिवारों में से 39 परिवारों को मिला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए मकान

यही नहीं कभी बरसात के टपकते पानी के बीच झोपड़ी नुमा कच्चे मकान में अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर जीविका चलाने वाले गाँव के 68 परिवारों में 39 परिवारों को 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाकर दिया गया।तो वही शेष बचे परिवारों के लिए भी प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया।

शासन प्रशासन के सहयोग से गांव में हो रहे विकास के कार्य

सरपंच जितेंद्र नेताम

ग्राम पंचायत सिंघोला के सरपंच जितेंद्र नेताम ने एनबीसी इंडिया 24 (nbcindia24) से चर्चा करते हुए बतलाया। कि शासन-प्रशासन से पंचायत को अच्छा सहयोग मिल रहा है। जिसके चलते हम अपने पंचायत क्षेत्र में विकास के कार्य कर रहे हैं। एक समय में गांव में काफी समस्याएं हुआ करता था। आज शासन- प्रशासन के सहयोग से विकास के कार्य हो रहे हैं। और मूलभूत सुविधाएं पहुंच रहे।

गांव में ही मिलने लगा नौनिहालों व गर्भवती माताओं को गर्म भोजन

ग्राम पंचायत सिंघोला तक पहुॅच मार्ग ठीक न होने और दूर होने की वजह से गाॅव के नैनिहाल व महिलाये शासन की कई महत्वपूर्ण योजनाओ से पूरी तरह वंचित थे। लेकिन जिला प्रशासन ने इस दिशा मे गंभीरता दिखाते हुये। इन्हे यह सुविधा गाॅव मे हि मुहैया करा गांव में 14 नैनिलालो, चार गर्भवती माता व दो शिशुवती माताओं को पूरक पोषण आहार योजना अंतर्गत गर्म भोजन दिए जा रहे है।

जन्मेजय महोबे, कलेक्टर बालोद

बालोद कलेक्टर ने कहा मैं बीते दिनों अपने दौरे के दौरान ग्राम पंचायत सिंघोला के आश्रित गांव सुकड़ीगुहान का दौरा किया था। जहां ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी दूर होने की बात कहते हुए गांव में संचालित करने की मांग की। जिसपर गांव में ही वैकल्पिक रूप से माचा बनाकर संचालित किया जा रहा है। और सड़क भी खराब था। जिसको देखते हुए सड़क निर्माण कराया जा रहा है। और भी किसी चीज की जरूरत होगा तो उसे भी नियमानुसार पूरा किया जाएगा।

 

 

 

 

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