बालोद, दल्ली राजहरा सहित प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार कमरछठ।

Nbcindia24/Balod/ छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार कमरछठ शनिवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, हिंदू धर्म में अनेकों पर्व है जिन्हें संस्कृति और मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है, उन्हीं में से एक कमरछठ पर्व भी शामिल हैं, जिन्हें खासकर महिलाएं व्रत रख मनाती है, बालोद जिला में ग्रामीण अंचलों से लेकर शहरी क्षेत्रों में इस पर्व को लेकर महिलाएं काफी उत्साहित नजर आई।

बालोद जिला मुख्यालय स्थित पुलिस कॉलोनी में पूजा अर्चना करती महिलाएं

 

बालोद जिला मुख्यालय स्थित पुलिस कॉलोनी के महिलाओं ने कॉलोनी में एकत्रित हो अपने पुत्र की सुख, शांति और समृद्धि की कामना कर षष्ठी माता की विधि विधान पूजा अर्चना इस पर्व को मनाई गई।

दल्ली राजहरा शिव संस्कार धाम में अपने संतानों के लिए व्रत करती महिलाएं

हो वही दल्ली राजहरा नगर स्थित शिव संस्कार धाम में माताएं व बहाने संतान की सुखमय व दीर्घायु जीवन की कामना कर निसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति व्रत रख कमरछठ पर्व में षष्ठी माता की विधि विधान पूजा अर्चना कर अपनी व्रत तोड़ी।

दल्ली राजहरा शिव संस्कार धाम में अपने संतानों के लिए व्रत करती महिलाएं

मान्यता के अनुसार है इस पर्व को महिलाएं अपनी संतान की सुख, शांति और समृद्धि के लिए व्रत रख मनाती है, कहा जाता है कि माता देवीकी के छह पुत्रों को कंस ने मार दिया था, जिसके बाद माता देवकी ने भादो कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को षष्ठी देवी की आराधना करते हुए व्रत रखी थी, तब भगवान श्री कृष्ण जन्म हुआ, और भगवान कृष्ण ने कंस का वध कर दिया, तभी से यह परंपरा चली आ रही, वही इस पर्व को निसंतान महिलाएं भी संतान प्राप्ति के लिए व्रत रख मनाती है।

इस पर्व पर षष्ठी माता की पूजा पसहर चावल एवं छह प्रकार की भाजी का भोग लगा मानाया जाता है और इसी प्रसाद को भोजन के रूप में ग्रहण कर महिलाएं अपनी उपवास को तोड़ती है।

 

 

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