“मैं चाहे ये करूं” “मैं चाहे वो करू” “मेरी मर्जी” की तर्ज पर नियम को दरकिनार कर चल रहे अधिकारी।

आबंटन के 6 माह बाद भी खाली पड़े है शासकीय आवास, तहसीलदार को आबंटित आवास बना अघोषित सीमेंट गोदाम:-

Nbcindia24/Balod/ डौंडीलोहारा जी ए डी कालोनी बटेरा तहसील डौंडीलोहारा जिला बालोद में स्थित शासकीय आवास गृह अपने आबंटन के बाद से लेकर लगातार चर्चा में बने हुए है कभी निर्माण कार्य मे कई तरह की अनियमितता उजागर होने से कर्मचारियो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो वही मामले में मिली जानकारी के अनुसार अब आवास आबंटन के 6 माह से भी अधिक का समय होने के बाद भी एफ ब्लॉक में आवास आबंटित कराकर कई जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अब तक उसका उपयोग न करने का मामला प्रकाश में आया है जिसके चलते एफ ब्लॉक के कई आवासों की नियमित साफ सफाई भी नही हो पा रही है वही शासन द्वारा करोड़ो की राशि खर्च कर बनाये गए कई शासकीय आवासों का लाभ भी जरुरतमन्दों को नही मिल पा रहा है।जिससे जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे है।

हाउसिंग बोर्ड के एस डी ओ पुरुषोत्तम साहू के निर्देश पर ठेकेदार व उसके सुपवाइसर के द्वारा कुछ स्थानो पर सुधार व मरम्मत भी कराई गई लेकिन बावजूद इसके अब भी कालोनी के कुछ आवास गृहों में बारिश का पानी खिड़की से घर मे घुसने,पाइप में लीकेज,टाइल्स खराब होना,वाशबेसिन टूट जाने जैसी समस्याये बनी हुई है वहा निवासरत लोगो ने व्यवस्था सुधारने की बात कही है।

तहसीलदार व नायब तहसीलदार को जनवरी में हुआ आवास का आबंटन,अब तक खाली:-

आबंटन आदेशा

मामले में एस डी एम कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार डौंडीलोहारा तहसीलदार रामरतन दुबे व नायब तहसीलदार राजश्री पाण्डेय को 27 जनवरी 2021 को क्रमशः एफ ब्लॉक -2 व एफ ब्लॉक-4 शासकीय आवास गृह आबंटित करने का आदेश तत्कालीन एस डी एम ऋषिकेष तिवारी ने जारी किया था लेकिन आबंटन के 6 माह से भी अधिक का समय हो जाने के बाद भी दोनों ही जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अब तक इसका इस्तेमाल नही किया जा रहा है तथा दोनों आवास खाली पड़े धूल कहा रहे है। वही एफ 1 व एफ 5 ब्लॉक में भी ताला लटक रहा है

देखरेख के आभाव में तहसीलदार का क्वार्टर बना अघोषित सीमेंट गोदाम:-

मामले में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिसर में ही वहां निवासरत एक कर्मचारी द्वारा अपने स्वयं के ख़र्च पर एक मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है जिसके लिए सीमेंट व अन्य सामग्री को पिछले लंबे समय  से खाली पड़े व तहसीलदार रामरतन दुबे के आबंटित आवास में रखा जा रहा है जिससे वहां की दीवारे भी गंदी हो रही है तथा शासकीय कर्मचारियों व अधिकारियों के आवास के लिए बड़ी राशि खर्च कर बनाया गया आवास अघोषित सीमेंट गोदाम बनकर रह गया है।मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की गंभीर लापरवाहि सामने आ रही है। वही नायब तहसीलदार के क्वार्टर भी आबंटन के बाद पिछले 6 माह से खाली पड़े होने व नियमित साफ सफाई नही होने से धूल जम रहे। दोनों अधिकारियों द्वारा किसी अन्य विभाग के शासकीय आवास में रहने की बात सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है।

ये है नियम:-

मिली जानकारी के अनुसार शासकीय आवास आबंटन नियम 2000 के तहत एफ,जी,एच एवम आई श्रेणी के शासकीय आवासों का आबंटन में नियम 35 के अनुसार आवंटिती  जिसे आवास आवंटित किया गया है आवास से भिन्न प्रयोजन में उपयोग करता है अथवा नियमित रूप से स्वयं निवास नही करता है तो संपदा संचालक ऐसे आवंटिती के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाहि में प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना,सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर देकर उस निवास स्थान का आबंटन रद्ध कर सकता है। इसके अलावा नियम 39 के अनुसार यदि कोई शासकीय कर्मचारी या उसके परिवार के सदस्य किसी समय एक से अधिक शासकीय आवास रखता है तो अधिक रखने की कालावधि में किसी एक आवास को छोड़कर शेष आवास के लिए बाजार दर की दुगुनी दर से लायसेंस शुल्क वसूल किया जाएगा।इसके अलावा आवास का आबंटन केवल आवाशिय उपयोग के लिए ही किया जा सकता है इसके अलावा अन्य को किसी भी कार्य हेतु उपयोग हेतु देने पर भी कार्यवाहि का प्रावधान है , आवास को आवाशिय उपयोग में नही ले ताला लगाकर रिक्त रखने पर भी  आवंटित आवास आदेश निरस्त कर निष्काशन किये जाने का प्रावधान है। बावजूद इसके जिम्मेदारो द्वारा नियमो को ताक पर रख कोई कार्यवाहि नही की जा रही है जिससे कई तरह के सवाल उठ रहे है।

 

कुछ आवासों में आ रही सीपेज व खिड़की से बारिश का पानी अंदर गुसने की समस्या:-

मामले में जी 1-6 क्वार्टर में रहने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि उनके क्वार्टर में पाइप से पानी लीकेज हो रहा है तथा दीवारों ओर पपड़ी आने लगी है वही टाइल्स में भी खामियां सामने आ रही है वही तहसील कार्यालय में कार्यरत प्यून की माने तो बारिश होने पर उनके पीछे की खिड़की से बारिश का पानी घर के अंदर गुस जाता है जिससे उन्हें परेशांनी होती है।परिसरमे बारिश के कारण चारो ओर झाड़ियां उग आए है कालोनी की साफ सफाई व पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी एक प्राइवेट चौकीदार के भरोसे है।जिससे कई तरह के सवाल उठ रहे है।

क्वार्टर किसी और को आबंटित रह रहे कोई और:-

मामले में कालोनी में ही रहने वाले कुछ शासकीय कर्मियों ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि कालोनी में कुछ ऐसे कर्मी भी है जिनके नाम पर क्वार्टर आबंटित किया गया है लेकिन वे स्वयं न रहकर अपने क्वार्टर कों किसी अन्य अपने सहायक कर्मी को दे रखे है हालांकि इस बात की किसी जिम्मेदार अधिकारी ने कोई पुष्टि नही की है लेकिन वहां रहने वाले अन्य लोग दबी जुबा यह चर्चा जरूर कर रहे है।

परिसर में पड़ी है शराब की खाली बोतल:-

कालोनी के एक आवास के पीछे परिसर में शराब की खाली बोतले पड़ी हुई है वही टूटे हुए वाशबेसिन जगह जगह बिखरे पड़े है चारो ओर सफाई नही होने से गंदगी फैली हुई है।

” वाशबेसिन में झूलने या बच्चो के बैठने से टूटा होगा।मैन्युफैक्चरिंग फाल्ट या प्रॉपर वर्क नही होने पर  मेंटेनेन्स की समयावधि 2 वर्ष होती है ठेकेदार को भेजकर कुछ संधारण कार्य कराया चुके है ।सब इंजिनीयर को एक दो दिन में भेजकर कोई मेन्टेनेन्स वर्क होने पर करा लिया जाएगा।”

पुरुषोत्तम साहू, एस.डी.ओ, हाउसिंग बोर्ड

 

अनुविभागीय अधिकारी प्रेमलता चंदेल से चर्चा

आवंटित के 6 माह बाद खाली पड़ी क्वार्टर एवं दूसरे के नाम पर आवंटित क्वाटर में राह रहे दूसरे लोग के मामले में अनुविभागीय अधिकारी प्रेमलता चंदेल से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि यह आवंटन मेरी आने से पूर्व हुई है एवं हाल ही में आप लोगों के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है मैं पूरे मामले की जानकारी लेती हूं निश्चित तौर पर नियमानुसार जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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