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Nbcindia24/Balod/ विगत दिनों भिलाई में भारतीय मजदूर संघ छत्तीसगढ़ प्रदेश आँगन बाड़ी कार्यकर्त्ता सम्मलेन सम्मलेन संपन्न हुआ जिसमे भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय कोल प्रभारी एवं कॉन्ट्रैक्ट लेबर सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य श्री सुरेंद्र पांडेय विशेष रूप से आमंत्रित किये गए थे। श्री सुरेंद्र पांडेय के दो दिवसीय भिलाई प्रवास के दौरान भा.म.सं. से सम्बद्ध खदान मजदूर संघ भिलाई के राजहरा शाखा के एक प्रतिनिधिमंडल ने भिलाई निवास में उनसे मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उक्त प्रतिनिधिमंडल में भा.म.सं. बालोद जिला मंत्री मुस्ताक अहमद, ख.म.सं. भिलाई के महामंत्री एमपीसिंह, ख.म.सं. भिलाई के राजहरा शाखा के अध्यक्ष किशोर कुमार माइती एवं सचिव लखनलाल चौधरी शामिल थे।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए भा.म.सं. के बालोद जिला मंत्री मुस्ताक अहमद ने बताया कि ठेका श्रमिकों के हितों से जुड़े कई मुद्दों पर उनसे चर्चा हुई जिसमे प्रमुख रूप से राजहरा खदान समूह प्रबंधन के कुछ अधिकारीयों एवं कुछ चुनिंदा ठेकेदारों के द्वारा किये जा रहे आर्थिक अनियमितता, सीपीएफ कटौती में कुछ चुनिंदा ठेकेदारों द्वारा की जा रही भेद भाव, दल्ली एवं राजहरा खदान में ओवरबर्डन हटाने के कार्य में लगे कर्मियों को समुचित लाभ न देना एवं स्थानीय प्रबंधन द्वारा आईबीएम के मदद से बीएचक्यू को वेस्ट के दर्जे से हटाकर लो क्वालिटी ओर कहते हुए ओवरबर्डन रिमूवल के कार्य को सतत जारी रखना और उसमे कार्यरत कर्मियों के लिए न तो समुचित मेडिकल सुविधा देना, न ही कोई अन्य सुविधा देना, आदि मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।


राजहरा खदान समूह प्रबंधन के अधिकारीयों एवं ठेकेदार के आपसी मिलीभगत से किये जा रहे भ्रष्टाचार पर श्री सुरेंद्र पांडेय ने कहा कि ऐसा करने वाले अधिकारी और ठेकेदार न केवल ठेका कर्मियों का शोषण कर रहे हैं बल्कि उनके इस गलत कृत्य से नियमित कर्मियों का वेतन समझौता भी लंबित है और सेल कंपनी को जो नुकसान हो रहा है वो अलग है। अतः ऐसे अधिकारीयों और ठेकेदारों के विरुद्ध अगर प्रबंधन किसी तरह का कोई कारवाई नहीं करता है और उन्हें बचाने हेतु अनर्गल तर्क देता है तो संघ का यह फ़र्ज़ बनता है कि वैधानिक दायरे में कार्य करते हुए ऐसे भ्रष्ट अधिकारी, ठेकेदार एवं उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारीयों के विरुद्ध भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए FIR की जावे या फिर मामले को सीधे सक्षम न्यायलय में प्रस्तुत करते हुए हुए दोषियों पर कारवाई की मांग की जानी चाहिए, चाहे अधिकारी किसी भी स्तर का क्यों न हो।
जहाँ तक ठेका श्रमिकों को सुविधा देने की बात है तो सरकार ने रूपए 15000 का सीलिंग उनके ईपीएफ कटिंग पर इसलिए लगायी है ताकि ठेका श्रमिक ज्यादा पैसा घर ले जा सकें लेकिन अगर कर्मी अपने पूरे वेतन पर ईपीएफ कटाना चाहता है और प्रबंधन उक्त कटिंग का पैसा देने के लिए तैयार है तो ठेकेदार को श्रमिकों के पूरे वेतन पर ईपीएफ काटना होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह राजहरा खदान समूह प्रबंधन का नैतिक दायित्व बनता है कि ठेका श्रमिकों को समुचित मेडिकल सुविधा, बच्चों के पढाई की समुचित व्यवस्था, अन्य भत्ते आदि का लाभ मिले। लेकिन ऐसा लगता है जैसे महारत्न सेल के इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र में कुछ महाभ्रष्ट अधिकारी पदस्थ हो गए हैं जो ठेकेदारों के साथ मिलकर ठेका श्रमिकों का लगातार शोषण कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी लेने हेतु शीघ्र ही उन्होंने खदान का दौरा करने की बात कही।
दल्ली एवं राजहरा में बीएचक्यू को वेस्ट न कहकर लो क्वालिटी ओर कहते हुए ओवरबर्डन रिमूवल के कार्य को सतत जारी रखने को उन्होंने अवैध करार देते हुए कहा कि अगर प्रबंधन ऐसा कर रहा है तो यह गलत है। बीएचक्यू वेस्ट था और वेस्ट ही रहेगा और अगर प्रबंधन उसे लो ग्रेड ओर कहते हुए उतखनन कार्य जारी रख रहा है तो संघ को चाहिए कि मामले को सक्षम न्यायलय में रखते हुए प्रबंधन के कृत्य का विरोध करे। उन्होंने आगे कहा कि शीघ्र ही सीएलसीएबी की एक टीम शीघ्र ही खदान का दौरा करते हुए सभी तथ्यों की जांच करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उक्त दौरा बहुत पहले तय किया जा चुका था किन्तु कोरोना के वजह से दौरा संभव नहीं हो पाया था लेकिन अब जबकि कोरोना कण्ट्रोल में है तो शीघ्र ही सीएलसीएबी की टीम खदान का दौरा करेगी और संघ द्वारा कही गयी सभी बातों को संज्ञान में लेते हुए अपना निर्णय लेगी।

प्रेस विज्ञप्ति

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