Nbcindia24/Chhattisgarh_लीलाधर निर्मलकर कांकेर– जिले के कांनागांव और मलाजकुडुम गांव में दुर्लभ प्रजाति का सांप और छिपकली मिली है.
ग्राम बायोडायवर्सिटी बोर्ड (Village Biodiversity Board) के सदस्य ने काफी खोज कर इस दुर्लभ प्रजाति के सांप और छिपकली को रिकॉर्ड किया है
दुर्लभ प्रजाति के इन जीवों का लोकेशन टैग करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

कांकेर: जिले के अलग-अलग गांवों में जैव-विविधता रजिस्टर में दो और नए जीव जुड़ गए हैं. कोया भूमकाल क्रांति सेना रिसर्च टीम को बहुत से दुर्लभ प्रजाति के जीवों का पता चला है. इनमें से कुछ जीव तो ऐसे हैं जिसे कांकेर जिले में पहली बार रिपोर्ट किया गया है. इन दुर्लभ जीवों में छिपकली और सांप है. जो काफी दुर्लभ प्रजाति के माने जाते हैं. क्षेत्र के स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षित कर इन जीव जंतुओं के रहवास का गूगल के जरिए लोकेशन टैग करने का काम किया जा रहा है.
कांनागांव में ग्राम बायोडायवर्सिटी बोर्ड (Village Biodiversity Board) के सदस्य व टीम के सदस्यों को भ्रमण के दौरान बहुत ही दुर्लभ प्रजाति के पीले रंग की धारियों से युक्त छिपकली देखने को मिली. इसे स्थानीय भाषा में कालकूत या ऐंहराज डोके कहा जाता है. फाउंडेशन ऑफ इकोलॉजिकल सिक्यूरिटी से जुड़े पर्यावर्णविद् नारायण मरकाम ने इस छिपकली के ट्रेस होने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने बताया कि यहा जीव पूर्वी घाट में आमतौर पर पाया जाता है.Eastern Indian Leopard Gecko इसे तेंदुआ छिपकली या कालकूत भी कहा जाता है.Rare species of lizard and snake species found in Kankerदुर्लभ प्रजाति की छिपकलीदुर्लभ प्रजाति की छिपकली मिली इसे गोंडी भाषा में एहरांज डोके भी कहते हैं. इसके शरीर का रंग अंचल में पाए जाने वाले एहरांज सांप की तरह पीले धारियों वाली होती है. यह जीव जलवायु परिवर्तन व मानसून के प्रति अत्यंत संवेदनशील होता है ।
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