कुंआर पक्ष लगने से पहले पड़ने वाले मंगलवार को देव दशहरा मनाने का अनूठा धार्मिक रिवाज,यहां माता काली की पूजन अर्चना करने का है रिवाज

राहुल ठाकुर गरियाबंद @ गोहरापदर छैलडोंगरी में कुंआर पक्ष लगने से पहले पड़ने वाले मंगलवार को देव दशहरा मनाने का अनूठा धार्मिक रिवाज है, यहां माता काली की पूजन अर्चना करने का रिवाज है। इस बार भी यह पर्व बड़े धूम धाम से मनाया गया। मनोकामना पूरी होने वाले हजारों श्रद्धालु जुटे थे। देवी को प्रसन्न करने बलि देने का रिवाज भी है।

दरअसल इलाके के 7 पाली में आने वाले गांव में तीन पीढ़ी पहले आपदा आया था, अचानक बहु बेटी बीमार पड़ जाते थे, और उनकी मौत हो रही थी, बुजुर्गो ने इसकी पड़ताल किया, तो पता चला कि मां काली को किसी ने छोड़ दिया है, जो पलना गोसीएन नाम से है, मां काली की इस स्वरूप को अखरा कुंभ तिथि यानी कुआर से पहले पड़ने वाले मंगलवार को पूजन कर शांत करने का हल निकाला गया, पहले सात पाली में आने वाले 11 गांव के लोग ही पूजन करते थे, पर माता के सामने मांगी गई मनोकामना पूरी होते देख दिनों दिन श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी, इस बार दूर दराज से 12 से 14 हजार श्रद्धालु जुटे थे।

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