बस्तर संभाग से लगातार नाबालिक युवतियां एवं महिलाएं के लापता होना चिंता जनक : राज्य महिला आयोग सदस्य दीपिका शोरी

सुकमा @ बस्तर संभाग से लगातार नाबालिक युवतियां एवं महिलाएं के लापता होने की संख्या में बढ़ते जा रही है। विगत 5 वर्षों में सबसे अधिक आदिवासी नाबालिक युवतियां एवं महिलाओं को शिकार बनाया गया है। नाबालिक युवतियां एवं महिलाएं जाने- अनजाने ट्रैप में फंस जाते है और इसके बाद मानव तस्करी एवं देह व्यापार जैसे अनैतिक कार्यों की शिकार भी हो सकती है, जो चिंता का विषय है। यह एक गंभीर चुनौती है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उक्त बातें राज्य महिला आयोग की सदस्य दीपिका शोरी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कही।

दीपिका शोरी ने आगे कहा कि बस्तर संभाग में पिछले 5 वर्षों में लगातार आदिवासी नाबालिक युवतियां एवं महिलाओं का लापता हो रहे हैं जो काफी गंभीर मामला है। उन्होंने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग, देह व्यापार, जैसे माकड़ जाल में लापता महिलाओं के धकेलना का काम भी हो सकता है, इसीलिए सतर्क रहने की बहुत जरूरत है। लेकिन पुलिस की मदद से अधिकांश महिलाओं को ढूंढ निकाला गया है।

जबकि पिछले पांच वर्षों में सुकमा जिले में 82 नाबालिक युवतियां लापता हुई थी। जिसमें से 80 को ढूंढ निकाला और अभी 2 लापता है, इसके अलावा बालिक महिलाएं की लापता होने की संख्या 133 है जिसमें से 121 महिलाओं को ढूंढ निकाला गया एवं 12 महिलाएं अभी भी लापता है। जबकि दंतेवाड़ा जिले में 2021 से 2025 तक 35 बालिक एवं दो नाबालिक लापता हुए थे, बीजापुर जिले में इन 5 वर्षों में पांच महिलाएं लापता हुए हैं। लापता महिलाओं को पुलिस भी ढूंढने में लगी हुई है, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं लग पा रहा है।

सोशल मीडिया में युवतियां हो रही है शिकार 

सोशल मीडिया के जरिए सबसे अधिक नाबालिक युवतियां सैकड़ो किमी दूर बैठे किसी अनजाने व्यक्ति से दोस्ती कर लेते हैं। नाबालिक युवतियां दोस्ती और प्रेम प्रसंग के नाम पर उन्हें फंस लिया जाता है।जिसके बाद यह सामने वाले व्यक्तियों के इशारे पर अपने अपने माता-पिता और घर परिवार को बिना बताए गायब हो जाते हैं। यह एक प्लानिंग और सुनियोजित तरीके से नाबालिक युवतियां ट्रैप में फंसाया जा रहा है, जबकि अगर कोई युवती इस तरह से फंस जाती है तो उसके साथ कुछ भी होता है, उसकी जानकारी किसी को नहीं लगती है, इसीलिए उन्होंने कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति से सोशल मीडिया में दोस्ती एवं बातचीत करने से बचे। अगर आप समय रहते अपने आप को नहीं संभले तो आप किसी बड़ी मुसीबत में फंसना तय हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर ही नहीं पूरे प्रदेश में इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है जो चिंता का विषय है।

माता-पिता को भी अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे  

दीपिका शोरी ने कहा कि मुझे लगता था कि बस्तर संभाग में मानव तस्करी जैसी घटनाएं नहीं होती है, लेकिन लगातार नाबालिक युवतियां और महिलाओं के लापता होने जो आंकड़े सामने आए हैं, जो चौंकाने वाले आंकड़े हैं इससे मानव तस्करी की और इशारा करता है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि नाबालिक युवतियां सोशल मीडिया में अधिकांश समय बिताती है, ऐसे में उनका आसानी से शिकार हो जाती है। इसलिए माता-पिता को भी अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे, ताकि इस तरह की घटना का शिकार ना हो सके।

Nbcindia24

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