गुड न्यूज़: “मां लक्ष्मीन बाई की सतर्कता से टला बाल विवाह, पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच खुद दी सूचना”

जागरूकता और त्वरित पुलिस कार्रवाई से तीन नाबालिगों की शादी रोकी गई “मां लक्ष्मीन बाई की सतर्कता से टला बाल विवाह, पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच खुद दी सूचना”

छत्तीसगढ़
दुर्गेश यादव/जांजगीर-चांपा/ जिले में सामाजिक जागरूकता का उदाहरण सामने आया है, जहां एक मां की सतर्कता और पुलिस की तत्परता से तीन नाबालिगों की बाल विवाह होते-होते रुकवा दी गई। जिसमें दो नाबालिग लड़के और एक लड़की की शादी होने जा रही थी। मामला थाना बम्हनीडीह क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गुरावांट का है, जहां चार शादियां तय थीं, जिनमें से तीन वर-वधू विवाह योग्य नहीं पाए गए। सबसे खास बात यह रही कि एक बालिका की मां लक्ष्मीन बाई स्वयं पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और अपनी बेटी की जबरन तय की जा रही शादी की जानकारी दी। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पाण्डेय (IPS) ने तत्काल थाना प्रभारी बम्हनीडीह भवानी सिंह चौहान को मौके पर भेजने के निर्देश दिए। टीम ने ग्राम सोठी पहुंचकर जांच की और जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर पाया कि लड़की नाबालिग है तथा जिससे शादी कराई जा रही थी, वह लड़का भी बालिग नहीं है। इसके बाद पुलिस ने परिवारजनों को समझाइश देकर विवाह को रुकवाया और बाल विवाह के विरुद्ध चेतावनी दी। जांजगीर-चांपा पुलिस की यह त्वरित कार्रवाई और एक जागरूक मां की भूमिका बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराध को रोकने में मिसाल बन गई है। “बाल विवाह अपराध है – रोकथाम में समाज और प्रशासन दोनों की भूमिका ज़रूरी है।”

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