छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में तत्कालीन सरपंच एवं सचिव का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है जिन्हें जानकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे ?
दरअसल यह कारनामा अपने आप में अनोखा हैं जो शायद पहले कभी नहीं हुआ होगा मामले की शिकायत करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत (बी.) जामगांव से सूचना के अधिकार तहत निकाले गए दस्तावेज में संजय वेल्डिंग वर्क्स करहीभदर से ग्राम पंचायत करहीभदर के नाम 18/05/2020 को सामग्री खरीदी का बिल लगा हैं जिसमें खरीददार ग्राम पंचायत करहीभदर अंकित हैं तो वही बिल के निचे ग्राम पंचायत (बी.) जामगांव के तत्कालीन सरपंच पुष्पा देवांगन एवं सचिव की सील साईन हैं जो समझ से परे हैं भला किसी और पंचायत के नाम का बिल कोई और पंचायत कैसे भुगतान कर सकता हैं कही ऐसा तो नहीं फर्जी बिल लगा सरकारी पैसों का बंदरबाट कर दिया गया।
आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत में हुए इस अनियमितता के खिलाफ अपर कलेक्टर व जनपद सीईओ के पास लिखित शिकायत कर ऐसी कई और अनियमितता की संभावना व्यक्त कर दोषी पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
मामले में तत्कालीन सरपंच पुष्पा देवांगन का कहना हैं कि ऐसा नहीं होता ये गलत हैं मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं।
अब बड़ा सवाल तो यह है कि जनता जिस उम्मीद से अपने गांव के लिए जनप्रतिनिधि चुन उनसे गांव के विकास और मूलभूत सुविधाएं की उम्मीद रखता हैं क्या वे इसी तरह आँखबंद कर दस्तावेज को बिना देखें सील साइन कर सकते हैं या कोई साजिश हैं।
बहरहाल मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक का कहा कि एक पंचायत सामग्री खरीदी करे और दूसरा पंचायत उसका भुगतान तो यह गलत है शिकायत पर जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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