बड़ी खबर: पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर को मामा बना भाचा ने लोगों को लगाया करोड़ों का चुना, उन लोगों के लिए सबक, पढ़ें पूरी खबर एनबीसी इंडिया 24 पर

न्यूज डेस्क: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक बड़ी खबर निकल के सामने आई है, जहां एक शिक्षक के आत्महत्या मामले और मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया है जिसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का नाम भी शामिल है। साथ की करोड़ों रुपए की ठगी किए जाने के मामले में तीन लोगो के विरुद्ध भी अपराध पंजीबद्ध किया गया है, ये तीनों शिक्षक के आत्महत्या मामले में भी आरोपी है।

यह ख़बर उन लोगों के लिए भी एक सबक है जो सरकारी नौकरी पाने की लालसा में खून पसीने की गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं।

बालोद जिला डौंडी थाना क्षेत्र ग्राम घोटीया निवासी शिक्षक देवेंद्र ठाकुर बीते 3 सितंबर को अपने घर में फांसी लगा आत्महत्या किया था घटना के बाद शव की पंचनामा कार्रवाई में पहुंचे डौंडी पुलिस को मृतक की जेब में एक सुसाईड नोट बरामद हुआ जिसमें लिखा था कि “””मेरे मौत के लिए हरेंद्र नेताम, मदार खान उर्फ (सलीम खान), प्रदीप ठाकुर एवं पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर जिम्मेदार है जिन्होंने नौकरी दिलाने के नाम से पैसा लिए और वापस नहीं कर रहे”””
सुसाइड नोट में एक और व्यक्ति का नाम उल्लेख करते हुए लिखा है””मेरे मौत के बाद पैसा दिलाने का प्रयास लीलाराम कोर्राम आप करेंगे और को न्याय दिलाएंगे”””

अशोक कुमार जोशी, एडिशनल एसपी

बालोद मामले में एडिशनल एसपी अशोक कुमार जोशी का कहना कि सुसाईड नोट के आधार पर डौंडी थाना में चारों के खिलाफ धारा 108 आत्महत्या हेतु प्रेरित करने के मामले में दर्ज कर विवेचना में लिया है।
मामला उजागर होने के बाद इन लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर ठगी के शिकार अलग-अलग गांव के लगभग 40 लोग रविवार को डौंडी थाना पहुंचे थे। जहां थाना में आरोपियों के खिलाफ लिखित शिकायत करते हुए सबूत के तौर पर आरोपी हरेंद्र नेताम के द्वारा तैयार करवाए गए नोटराइज्ड सौ रुपए के स्टांप पेपर को थाने में पेश किया गया। जिसमें नौकरी लगाने के लिए 75 लोगों से 3 करोड़ 70 लाख रुपए लेने की बात स्वीकार करते हुए 25 अगस्त 2024 तक पैसा लौटाने की बात लिखी गई है।

ठगी के शिकार चुरामन सिंग ध्रुव, जगत राम ने बताया कि 2022-23 में वनरक्षक और चपरासी की वैकेंसी निकली थी. इसी दौरान आत्महत्या करने वाले शिक्षक देवेंद्र ठाकुर और हरेंद्र नेताम के माध्यम से पता चला की मदार खान उर्फ (सलीम खान) नामक एक व्यक्ति है जो तत्कालीन वन मंत्री मोहम्मद अकबर को अपना मामा बतला रुपए लेकर नौकरी लगाने की गारंटी दे रहा और उसकी बातों में आकर हम लोग रुपए दिए है।

धोखाधड़ी के शिकार लोगों ने बताया कि पदों के हिसाब से आरोपियों ने जो पैसे लिए है वो 1 लाख 80 हजार से लेकर 10 लाख रुपए तक है।

एक पीड़िता डिम्पल ने यह भी बताया कि बकायदा आरोपियों ने हम लोगों को रायपुर के नटराज होटल में इंटरव्यू  के लिए बुलाया था. जहां हाइट और अन्य चेकअप करा अलग-अलग दिनों में नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया गया था।

 

बड़ी बात ये..इस पूरी घटना में पीड़ितों की बातों से एक बात साफ तौर पर निकल कर बाहर आ रही है कि ठगी के शिकार लोगों ने पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर से उनकी नौकरी के संबंध में मुलाकात या चर्चा नहीं हुई है। वहीं इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड आरोपी मदार खान लगा रहा जो पूर्व मंत्री को अपना मामा बतला नौकरी के नाम पर लोगों को झांसे में ले एक चैन बना इस करोडों की ठगी को अंजाम दिया।

मामलें में धोखाधड़ी के शिकार पीड़ित की रिपोर्ट पर डौंडी थाना में पुलिस ने मदार खान उर्फ (सलीम खान), हरेंद्र नेताम और प्रदीप ठाकुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपितों की धरपकड़ में जुट गई है और जल्द उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है।

अब सवाल ये है कि आत्महत्या करने वाले शिक्षक देवेन्द्र ठाकुर का क्या पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर से नौकरी के संबंध में मुलाक़ात हुई थी या अन्य ठगी के शिकार लोगों की तरह आरोपी मदार खान उर्फ़ सलीम खान के झांसे में आ ये समझ बैठा था की मामले में उनका हाथ है
बहरहाल आत्महत्या करने वाले शिक्षक देवेन्द्र ठाकुर की जेब में मिले सुसाइड नोट में पूर्व मंत्री का नाम कैसा आया यह जांच का विषय है जो एक दिन सामने आ ही जायेगा।

वहीं पुरे मामले में पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का मिडिया में बयान आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि मेरा बहन ही नहीं तो भांजा कहां से आएगा राजनीति में सरकार जाने के बाद इस तरह का आरोप लगता ही रहता है।

इस पूरी घटना में बड़ी बात यह है कि लोग सरकारी नौकरी की लालसा में इस कदर आंख मूंदे लोगों पर भरोसा कर बैठ रहे हैं कि उन्हें अपने खून पसीने की कमाई पैसे का भी कदर नहीं है और ऐसे ठगों के शिकार हो रहे है। पुलिस में आए दिन ऐसे मामले सामने आ आते रहते हैं जिसे लेकर पुलिस भी लोगों को जागरूक करने की प्रयास करती है किंतु लोग आज भी नासमझ बने हुए हैं जिसका फायदा ऐसे ही ठग उठा रहे है।

सबसे अधिक आश्चर्य और चिंता की बात इस मामले में ये भी सामने आई है कि कई पढ़े लिखे शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों ने अपने बच्चों के नाम से इन ठगों को पैसा दिया है। अब अगर पढ़े लिखे लोग ऐसा करेंगे तो क्षेत्र के भोले भाले कम पढ़े लिखे आदिवासियों का क्या हाल होगा।

शिक्षक ने आत्महत्या से पहले मामले को लेकर डौंडी थाने में पुलिस को दिया था बयान

नौकरी लगाने के नाम पर पैसे देकर ठगी के शिकार हुए 6 लोगों के द्वारा पिछले माह डौंडी थाना में शिक्षक देवेंद्र ठाकुर के खिलाफ धोखाधड़ी की लिखित शिकायत किया गया था जिसके बाद 14/8/2024 को शिक्षक ने थाना पहुंच आसपास के लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर पैसे ले आरोपी मरार खान उर्फ सलीम खान को रायपुर ले जाकर देने और आज तक नौकरी नहीं लगा पाने का उल्लेख कर पूरा पैसा 25/08/ 2024 तक लौटाने का समय मांगते हुए निश्चित समय अवधि तक पैसा वापिस नही करने पर मेरे सहित हरेंद्र नेताम और मदार खान उर्फ सलीम खान पर करवाई करने का जिग्रह कर लिखित में बयान दिया था।

जिसके कुछ दिनों बाद 3 सितंबर को शिक्षक देवेंद्र ठाकुर ने घर में फांसी लगा आत्महत्या कर ली।

 

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