राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासीयों की पुकार, हमें भी दे दो सरकार PM आवास  

राकेश कुमार पेंड्रा/ गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला के गौरेला जनपद के आमाडोब पटपरी व छोटकी रेवार में रहने वाले बैगा समुदाय अब भी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर नजर आता है, बैगा बाहुल्य क्षेत्र में ना साफ पीने के पानी की व्यवस्था है, न ही रहने के लिए घर की व्यवस्था, लोग अब भी लकड़ियों व मिट्टी के घरों में रहने को मजबूर हैं, जंगलों में रहने वाला यह विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहलाता है वही इन विशेष समुदाय के लिए प्रधान मंत्री द्वारा पीएम जन मन योजना चलाया जा रहा है बावजूद इन बैगाओ के स्थिति में बदलाव नही आया। उनकी स्थिति अब भी बिना बाहरी व्यवस्थाओं के घोर जंगलों में जंगल के संसाधनों पर जीवन यापन करने वाली बनी हुई है,लोगों के पास रोजगार नही ,ग्रामीण पानी के लिए दूर नदी नालों का इस्तेमाल करते हैं,जबकि गांव जल जीवन मिशन की पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है,जो अब जर्जर हो रही,लेकिन अब तक इन पाइपों से एक बूंद पानी आज तक इन बैगा ग्रामीणों को नहीं मिला,इस समुदाय की खास बात यह है कि यह वन संसाधनों की बेहतर पहचान रखता है, साथ ही उन वन संसाधनों की सुरक्षा व संरक्षण में इस समुदाय का विशेष हाथ होता है,ये अब भी मधुमक्खी के छातों से शहद निकाल उन्हें बाजारों में बेचकर गुजर बसर करते हैं। लेकिन इन्हें पानी,बिजली,आवास,अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर रहना पड़ता है, गांव के कुछ पढ़े लिखे युवक अब भी बेरोजगार हैं,जबकि इस समुदाय के लिए विशेष आरक्षण के हिसाब से मैट्रिक करने के बाद विभागों में नौकरी का प्रावधान है,सरकार की बैगा जनजाति उत्थान योजनाओं को जिला प्रशासन इन लोगों तक पूरी तरह से पहुंचाने में नाकाम नजर आ रहा,और दूर से राष्ट्रपति दत्तक पुत्रों की अच्छी तस्वीर की असलियत ऐसी नजर आती आती है।

 

 

Nbcindia24