छत्तीसगढ़/ बालोद जिला में न्याय की उम्मीद लगाए एक बुजुर्ग किसान का सब्र बाण टूटने के बाद प्रशासन इच्छा मृत्यु की मांग किया है. पीड़ित किसान डेढ़ साल से बार-बार पेशी बुला प्रताड़ित कर पैसे मांगने का आरोप लगाया है. बतलादे 4 दिन पूर्व इसी तहसील कार्यालय के तहसीलदार को कार्य में लापरवाही बरतने की शिकायत पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा सस्पेंड किया गया. वही इस मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने जांच के बाद शिकायत सही पाए जाने पर दोषी पर कार्रवाई का दिया भरोसा है ।
दरअसल बालोद जिला के ग्राम फरदडीह निवासी पीड़ित किसान जिलेराम से मिली जानकारी और उनके पास मौजूद दस्तावेज के अनुसार अपनी पत्नी के नाम से लगभग 2 एकड़ 25 डिसमिल कृषि भूमि खरीद बड़े बेटे को हिस्सेदार बना बाकी दो बेटा और दो बेटी को साहहिस्सेदार बनाया था. साल 2009 में पत्नी की मौत के बाद गांव के बड़े बुजुर्ग और पंच लोगों के मौजूदगी में जमीन का बंटवारा करते हुए. एक बेटा गोपी राम को पहले से मौजूद 1 एकड़ 25 डिसमिल को बंटवारा में दे. पत्नी के नाम से खरीदी गई 2 एकड़ 25 डिसमिल जमीन में हिस्सेदार इनकी दो बेटियों द्वारा अपने भाइयों को पिता के जीवन रहते तक उनका देखभाल करने और हमें मान सम्मान देना बोलकर अपना हिस्सा लेने से मना कर दिया. इसके बाद उक्त दो एकड़ 25 डिसमिल कृषि भूमि का बटवारा करते हुए लखन लाल को एक एकड़ 25 डिसमिल और छोटा बेटा रवि कुमार को 1 एकड़ जमीन का बंटवारा दिया गया।
पीड़ित किसान जिलेराम
सब ठीक चल रहा था कि कुछ वर्ष बाद ही खेत में हुए धान की फसल बेचने किसान जिलेराम द्वारा अपने बड़े बेटे लखन लाल से ऋण पुस्तिका मांगने पर बेटे की पत्नी बहू द्वारा गुम हो जाने और अपने द्वारा नए बनाने की बात करते हुए देने से मना कर दिया. जिसकी सच्चाई की पता लगाने पर जानकारी मिला कि उक्त 2 एकड़ 25 डिसमिल कृषि भूमि को परिवार के किसी भी सदस्य से बिना सहमति लिए धोखाधड़ी करते हुए दोनों बेटी और छोटे बेटे का नाम काट लखन लाल द्वारा अपने नाम कर लिया गया।
पीड़ित किसान जिलेराम ने अपनी बहू पर आरोप लगाते हुए बताया कि बड़ा बेटा लखन लाल मुखबधिर है जो इशारे में बात तो समझाता है पर बोल और सुन नहीं सकता जिसका फायदा उठाते हुए उनकी बहू लखनलाल की पत्नी दूसरे के बहकावे में आकर जमीन को हड़प अपने पति के नाम करवा लिया और छोटे बेटे को उनका हिस्सा देने कहने पर पिता को घर से निकाल खाना पीना देना बंद कर दिया है।
हर मां-बाप चाहता है कि उनका परिवार हंसी खुशी रहें लेकिन आज एक बेबस पिता अपने जीवन के अंतिम पड़ाव दो वक्त की भोजन और छोटे बेटे को उनका हिस्सा दिलाने न्यायलय की लड़ाई लड़ रहे ताकि भविष्य में छोटे बेटे और उनके परिवार के जीवकापालन में कृषि भूमि सहारा बन सके.जिसके लिए बुजुर्ग पिता पिछले ढेढ़ साल से थाना से लेकर तहसील, एसडीएम और कलेक्टर तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन इन्हें आज तक न्याय नहीं मिल पाया. बल्कि देवरी तहसील कार्यालय में तहसीलदार के बाबू पर बार-बार पेशी की तारीख दे प्रताड़ित कर पैसे मांगने का आरोप लगाया. जिससे परेशान होकर किसान ने कलेक्टर से इच्छा मृत्यु की मांग करने पहुंचे ।
अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने दिया जाँच का भरोषा
मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक का कहना कि आवेदन देख मुझे भी गलत लग रहा परन्तु जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा मै खुद तहसील कार्यालय का दौरा कर जाँच करूँगा, अगर शिकायत सही है तो अपराध है दोसी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी
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