अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश महामंत्री नंदलाल मुड़ामी ने कांग्रेस सरकार को घेरा , मुड़ामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि,दंतेवाड़ा जिला एजुकेशन हब के नाम से जाना जाता था
दंतेवाडा /रितेश यादव /सीजी हेड / भाजपा शासन काल में विश्वस्तरीय ख्याति प्राप्त एजुकेशन सिटी जावंगा , पोटा केबिन, लक्ष्य ,छू लो आसमान, नन्हे परिंदे, दिव्यांग बच्चों के लिए सक्षम स्कूल, DAV पब्लिक स्कूल जैसी संस्थाओं का निर्माण बच्चो की भविष्य के लिए किया गया था।लेकिन कांग्रेस की सरकार जब से सत्ता में आई है तब से शिक्षा को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है,लगातार शिक्षकों की कमी से जिला सहित पूरा प्रदेश जूझ रहा है।एक तरफ आत्मानंद स्कूल कांग्रेस की सरकार ने जगह-जगह खोलने का ढोंग तो जरूर कर रही है,लेकिन मूलभूत जरूरत शिक्षकों की भी व्यवस्था नहीं कर पा रही है। आत्मानंद को भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया गया है।
बच्चों को अपने भविष्य के लिए आज सड़कों में उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है……..
उन्होंने कहा कि,ना तो कांग्रेस के विधायक को इसकी चिंता है,ना कांग्रेस के नेताओं की चिंता है,कांग्रेस के नेताओं को राजनीति करने से फुर्सत मिले तो कृपया इन बच्चों की जरूरत को देखने के लिए स्कूलों का भ्रमण करें ।कांग्रेस के नेता तो अपने बच्चों को बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों में और विदेशों में पढ़ा रहे हैं।इसलिए यहां के बच्चों के भविष्य की चिंता यह क्यों करेंगे।
गरीब, पिछड़े ,आदिवासी ,अंदरूनी इलाके, अनाथ बच्चों भविष्य के साथ क्या क्या होगा…….
भाजपा के शासनकाल में जगह-जगह शैक्षणिक संस्था को खोला गया था ताकि हर बच्चे को उनके शिक्षा हक मिल सके। अपने पैरों में खड़े होकर के अपना भविष्य बना सके।गीदम जावंगा एजुकेशन सिटी में हजारों अनाथ, नक्सल पीड़ित, गरीब बच्चे आवासीय परिसर में रहकर पढ़ाई कर रहे है पर कांग्रेस की सरकार ने इस संस्था को गर्त में लेकर चले गया है आवासीय परिसर में खिड़की दरवाजे की पल्ले टूटे पड़े हुए हैं पंखों की व्यवस्था नहीं , पौष्टिक भोजन उपलब्ध नहीं किया जा रहा है ,भाजपा शासन काल में बच्चो के बेहतर शिक्षा के लिय जो फंड संस्था को दिया जाता है उस फंडिंग को भी समय से नही दिया जा रहा है जिस वजह से बदहाल स्थिति बनी हुई है।
पोटाकेबिनो की स्थिति इतनी दयानी हो चुकी है शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है…..
पोटा केबिन के माध्यम से आवासीय व्यवस्था में प्रत्येक परिसर में 500 से अधिक गरीब बच्चों को पढ़ाया जा रहा है,पर आज इस पोटाकेबिनो की स्थिति इतनी दयानी हो चुकी है शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है रेगुलर शिक्षकों की व्यवस्था भाजपा शासन काल में किया गया था उन शिक्षकों को भी संलग्नकरण के नाम से पोटा केबिन से हटा दिया गया है। जो अनुदेशक इन स्कूलों में विगत 12 से 15 सालों से सेवाएं दे रहे हैं उन अनुदेशकों का वेतन 12000 से घटा करके 5000 कर दिया गया है यह कांग्रेस का शिक्षा की शिक्षा नीति है।अभी हाल ही में शासन ने एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय बीच शिक्षा सत्र के दौरान लिया है कई शिक्षकों को संलग्नकरण के नाम से हटा दिया गया है। इस निर्णय से भी शिक्षा व्यवस्था में बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है बच्चे आज बिना शिक्षकों के अध्ययन करने को मजबूर हो रहे हैं। कांग्रेस के नेता विधायक इन शिक्षण संस्थाओं का भ्रमण करें और वहां की वस्तु स्थिति को समझें और जल्द से जल्द इसके समाधान के लिए पहल करें। अगर जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो हमे अपने बच्चों के भविष्य के लिय सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर होना पड़ेगा।
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