जिला मुख्यालय में शुरू हुए तीन दिवसीय छत्तीसगढि़या ओलंपिक खेल का हुआ समापन,बस्तर में खेल प्रतिभाओं की कमी नही- अपर कलेक्टर कन्नौजे

छत्तीसगढि़या ओलंपिक विजेता छत्तीसगढ़िया को किया गया पुरस्कृत

 

दंतेवाड़ा/ जिला मुख्यालय स्थित शासकीय हाई स्कूल मैदान में आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय छत्तीसगढि़या ओलंपिक खेल का आज समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपर कलेक्टर  संजय कन्नौजे, डिप्टी कलेक्टर  अरुण सोम, खेल अधिकारी  मुकेश गोड, डिप्टी कलेक्टर मती कल्पना धु्रव, नगर पालिका उपाध्यक्ष  धीरेन्द्र प्रताप सिंह, सहित जनप्रतिनिधिगण, संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे। आज समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के उपस्थिति में रस्साकशी खेल का आयोजन भी किया गया जिसमें 18 से 40 वर्ग की महिलाओं ने बड़ी उत्सुकता और उत्साह के साथ खेलते नजर आए।

विजेता छत्तीसगढि़या को मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र भी वितरण किया गया। अपर कलेक्टर  संजय कन्नौजे ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे बस्तर में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। खेल को खेल भावनों से ही खेल हार, जीत तो लगी रहती है। मुख्यमंत्री के द्वारा राजीव युवा मितान क्लब के माध्यम से पंचायत स्तर से विलुप्त खेलों को शुरू किया गया। उन्होंने विजेता छत्तीसगढि़या को हौसले के साथ संभाग से राज्य स्तर में परचम लहराने के लिए शुभकामनाएं एवं बधाई भी दी। नगरपालिका उपाध्यक्ष  धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि  खेलों के माध्यम से सभी शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही उत्साह और एकाग्रता अपने जीवन में भी लाएं सफलता अवश्य मिलेगी।  विजेता छत्तीसगढि़या को संभाग स्तर और राज्य स्तर में खेल कर अपने जिले का नाम रोशन करने की शुभकामनाएं दी।

ग्राम स्तर से शुरू हुए इस ओलंपिक खेल में विभिन्न स्तरों में जीत हासिल करते हुए 16 विधाओं में तीन वर्गों में प्रथम श्रेणी में 18 वर्ष तक के बच्चे, द्वितीय श्रेणी में 18-40 वर्ष, तृतीय श्रेणी में 40 वर्ष से अधिक इन तीन श्रेणियों में महिला व पुरुष दोनों वर्गों ने दलीय एवं एकल श्रेणी में अपना हुनर दिखाया। दलीय खेलों में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगडी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लंबी कूद, रस्सी कूद और कुश्ती शामिल रहें जिला स्तरीय खेल में 1200 छत्तीसगढ़िया ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ में पारम्परिक खेल गतिविधियों को ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने के लिए पहल की गई है।

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