
भिलाई में कोरोना की वजह से हालात बेकाबू हाे रहे हैं। दिन ब दिन मरीजों की संख्या बढ़ती हु जा रही है। साथ ही कोरोना से लोगों की जान भी जा रही है। कुछ लोग कोरोना को अब भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे लोगों को रावत परिवार की स्थिति को जानने की जरूरत है। जहां कोरोना ने एक ही परिवार के 4 लोगों की जान ले ली। 10 दिनों के भीतर में एक-एक करके माता-पिता और 2 बेटों की मौत हो गई। घर में सिर्फ बहू और बच्चे ही बचे हैं।
कोरोना ने छत्तीसगढ़ के इस्पात नगरी भिलाई निवासी रावत परिवार को ऐसा दर्द दिया जो ना कभी मिट पायेगा और ना ही भर पायेगा। यहां रहने वाले हरेंद्र सिंह रावत (78 वर्ष) पहले संक्रमित हुए और उनकी मौत 16 मार्च को हुई। इसके बाद उनके बेटे मनोज सिंह रावत संक्रमण की चपेट में आए। जिन्हें एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया। जहाँ उपचार के दौरान 21 मार्च को दम तोड़ दिया। वहीं मनोज के बाद उनकी मां व हरेंद्र सिंह रावत की पत्नी कौशल्या रावत भी संक्रमित होकर 25 मार्च को दुनिया छोड़ दी। उनकी भी मौत हो गई। कौशल्या की मौत सुबह हुई और उसके बाद दूसरे बेटे मनीष सिंह रावत (44 वर्ष) की मौत शाम को हो गई। मां की चिता की राख बुझी ही नहीं थी की बेटे की मौत की खबर से पूरा परिवार सहम गया।
इस तरह 10 दिन के अंदर एक ही परिवार के 4 लोगों की मृत्यु से परिवार बिखर गया है।
संक्रमण के चलते अचानक एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत से परिवार के अन्य सदस्य सदमे में है। वहीं राज्य सरकार से सहायता की उम्मीद की आस लगाए हुए हैं।
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