Nbcindia24 /वीरेंद्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा । बीएसपी द्वारा संचालित महामाया माइंस से निकलने वाले लाल पानी से प्रभावित किसान जो जन मुक्ति मोर्चा छत्तीसग के नेतृत्व में 15 दिसम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल के रूप शान्ति पूर्ण तरीके से अपना विरोध करते आ रहे है, लेकिन स्थानित BSP प्रबन्धन द्वारा 21वे दिन तक कोई भी सकारात्मक पहल तो बात की बात अभी तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी पूछने भी नही आया जब कि जिला कलेक्टर बालोद के आदेशानुसार सभी 42 किसानों जो महामाया माइंस से निकलने वाले लाल पानी से प्रभावित है, उनको BSP के अंतर्गत जून 2020 तक स्थाई काम देने का मौखिक व लिखित आदेश दिया गया है, उसके बावजूद स्थानित BSP द्वारा जिला कलेक्टर के आदेश का उलंघन कर अभी तक किसी भी लाल पानी प्रभावित किसान को स्थाई काम नही दिया गया है। यह कितनी बड़ी विडम्बना है कि जिला कलेक्टर के आदेश का पालन कराने के लिए जन मुक्ति मोर्चा छत्तीसगढ़ को आंदोलन करना पड़ रहा है। लाल पानी से प्रभावित किसानों की आंदोलन को 22वे दिन BSP प्रबंधन द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल नही होने के करण शान्ति पूर्ण तरीके से चल रहे आंदोलन अपना उग्र रूप लेते हुए आज दल्ली राजहरा के माइंस ऑफिस के पास हजारो की संख्या ने जन मुक्ति मोर्चा के साथी धरने पर बैठ गए और महामाया (नलकसा) पर क्रमिक भूख हड़ताल के रूप में विरोध दर्ज कर रहे और आज साम तक कोई भी निर्णय नही होने के कारण सभी आंदोलनकारी धरना स्थल दल्ली राजहरा के माइंस ऑफिस गेट के सामने पंडाल लगा कर यही खाना -पीना, सोना बैठना करते हुए शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षक करने की कोशिश कर रहे है ।
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