नही रहे गजनी…?

कानन पेंडारी में हिप्पोपोटेमस गजनी की हुई मौत.. दिल्ली जू से 10 साल पहले कानन पेंडारी लाया गया था गजनी.. कानन जू में वन्य प्राणियों के मौत का सिलसिला नहीं ले रहा थमने का नाम..

Nbcindia24/ बिलासपुर- कानन पेंडारी जू में 10 साल पहले दिल्ली से लाए गए हिप्पोपोटामस गजनी की मौत हो गई है.. उसकी उम्र 12 से 13 वर्ष के बीच की बताई जा रही है तो वहीं गजनी की मौत का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.. हिप्पोपोटामस गजनी की मौत की सूचना संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को दी गई.. उनके द्वारा पशु चिकित्सक डॉ. अनूप चटर्जी और डॉक्टर पूनम पटेल के नेतृत्व में टीम गठित की और इस टीम ने गजनी का शव का परीक्षण किया.. टीम में जू के डॉक्टर अजीत पांडे, डॉ स्मिता प्रसाद भी थे.. शव के परीक्षण के दौरान मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर, डीएफओ बिलासपुर, कानन जू के अधीक्षक और परीक्षेत्र अधिकारी उपस्थित थे..

गजनी की मौत की वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है.. तो वही शव की परीक्षण करने वाली टीम ने हिप्पोपोटामस गजनी का बीसरा और ऑर्गन सुरक्षित रख लिया है.. इसे परीक्षण के लिए नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी जबलपुर भेजा जाएगा.. कानन मिनी जू पिछले 2 साल से वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.. पिछले 2 वर्षों की बात की जाए तो अब तक 30 वन्य प्राणियों की जान गई है.. वन्य प्राणियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है इसके लिए कानन प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप भी लगते रहे हैं..

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