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छत्तीसगढ़/ पशुओं में लम्पी स्कीन रोग के रोकथाम के लिए जिला बालोद अंतर्गत पशु चिकित्सा संस्थाओं के अधिकारी, कर्मचारी द्वारा निरंतर ग्रामो एवं गौठानो में दौरा कर पशुओं का रोग नियंत्रण, बिमार पशुओं का रोग उपचार एवं स्वस्थ पशुओं में टीकाकरण तथा डि-टीकिंग दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है एवं संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखने की सलाह पशुपालकों को दी जा रही है।

पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने बताया कि जिले में शुरूआती लक्षण वाले पशुओं का रक्त एवं नेजल स्वैब नमूना एकत्र कर बीमारी की वास्तविक जाँच हेतु राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल म0प्र0 द्वारा राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला जिला रायपुर छ0ग0 भेजा गया था जिसमें तीन पशुओं के नमूने लम्पी स्कीन बीमारी (स्ैक्) पाजिटीव पाया गया तथा उपचार के पश्चात सभी पशु रोग से पूरी तरह स्वस्थ्य हो गये हैं। आज दिनांक तक जिले में एक लाख तेईस हजार तीन सौ छः मवेशियों को लगाया जा चुका है तथा टीकाकरण निरंतर जारी है।

माह अक्टूबर से आज दिनांक तक 1618 पशुओं में लक्षण पाया गया जिसमें से 1548 पशुओ को विभाग द्वारा उपचार कर रिकवर (स्वस्थ) किया जा चुका है। शेष 70 पशुओं का निरंतर उपचार जारी है जिनका शीघ्र स्वस्थ होने के आसार हैं। यह बीमारी प्रमुख रूप से छोटे बछड़े ध् बछिया में देखा जा रहा है।

बालोद जिला अंतर्गत लम्पी स्कीन रोग से किसी भी मवेशी की मृत्यु की लैब रिपोर्ट द्वारा पुष्टि नहीं हुई है। संक्रमित पशुओं में तेज बुखार, पैरो में सुजन, शरीर में गांठे एवं चारा- दाना खाना बंद करने जैसे लक्षण दिखाई देते है। स्वस्थ पशुओं को बीमार पशुओं से अलग रखकर इनका उपचार यथाशीघ्र करवाना आवश्यक है।

Nbcindia24

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