गरीब के आशियाने से निकलती रही आग की लपटें…? वार्ड पार्षद रही नदारद, तो प्रशासन खबर रहते रहें बेखबर…?

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Nbcindia24/ शिव जायसवाल बालोद- जिला मुख्यालय बालोद के वार्ड नंबर 11 में बीती रात्रि एक घर मे अचानक आग लग जाने से अफरा तफरी मच गया. आग की लपटों को देख वार्ड वासियों द्वारा इसकी सूचना तत्काल अग्निशमन व नगर पालिका को दिया गया. लेकिन दोनों ही संस्थान ने किसी तरह कोई तत्परता नहीं दिखाया और ना ही मौके पर पहुंचे. लगातार घर से निकलते आग की लपटें तबाही मचाने पर अमादा था. ऐसे में वार्ड वासियों ने अपने हाथों में कमान संभाल जिनके घर में जितना और जहां से भी पानी मिला उन्हें ला कड़ी मशक्कत के बाद घर में लगे आग को बुझाया गया. लेकिन तब तक काफी देर हो चुका था घर में रखे सारे सामान जलकर खाक हो गया।

वार्ड पार्षद के घर घेराव करते वार्ड वासी

बताया जा रहा है कि घर में पिता और पुत्र ही रहा करता था. जो घटना के दौरान काम पर गया हुआ था. आगजनी के दौरान वार्ड वासियों द्वारा चुनी वार्ड पार्षद पद्मीनी साहू के खिलाफ भी वार्ड वासियों में जमकर नाराजगी सामने आया. वार्ड पार्षद होने के बावजूद पद्मिनी साहू गरीब के आशियाने में लगी आग को देखने नहीं पहुंचे और न ही उनके द्वारा आग को बुझाने में किसी तरह कोई प्रयास किया गया. वही घर में लगी आग को बुझाने के बाद तत्काल आक्रोशित वार्ड वासियों ने वार्ड के पार्षद पद्मिनी साहू के घर का घेराव कर दिया।

हाल ही में 6 जनवरी को बालोद नगर पालिका प्रशासन ने बड़े उत्साह के साथ अग्निशमन की बागडोर नगर सेना के हाथों में सौंप गया था. इस उद्देश्य के साथ कि कहीं कोई अप्रिय घटना होने पर तत्काल मौके पर पहुंच उसपर काबू पा सके. लेकिन उनकी तत्परता यहां देखने को मिल गया. घर में लगी आग से घर के सारे सामान जलकर खाक हो गए लेकिन बालोद में होते हुए भी अग्निशमन मौके पर नहीं पहुंच पाया। वही नगर पालिका का पानी टैंकर अंतिम समय में पहुंचा जब वार्ड वासियों द्वारा आग पर काबू पा लिया गया था. ऐसे में वार्ड वासियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल उन्हें वापस लौटा दिया गया।

अग्निशमन व नगर पालिका प्रशासन की लचर व्यवस्था को देख नागरिकों को सचेत रहने की जरूरत है. क्योंकि गर्मी का शुरुआती दौर है और गर्मी के दिनों में ऐसी कई घटनाएं अक्सर होते रहते है. ऐसे में हर नागरिक जागरूकता का परिचय दें इसी तरह एक दूसरे की मदद करें ना कि प्रशासन के भरोसे बैठे रहे. क्योंकि जिनके ऊपर ऐसे समय में आप उम्मीद लगाए बैठते हैं. उन्हें तो अपनी जिम्मेदारी का तनिक भी एहसास ही नहीं है।

यह शायद आग लगा घर किसी गरीब के आशियाने की जगह किसी अमीर का महल होता तो उनकी तत्परता देखने को मिलता।

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