8 राज्यों के साथ बालोद जिले के यशवंत और पल्लवी ने -16°C डिग्री सेल्सियस में 12500 फीट ऊंची चोटी केदार काठां में इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के साथ लहराया 280 फीट लम्बा तिरंगा

Nbcindia24/chhattisgarh/बालोद अर्जुन्दा:- कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो बड़े से भी बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम डुड़िया के यशवंत कुमार टंडन पिता श्री हूबलाल टंडन और पल्लवी बारले पिता श्री प्रकाशचंद बारले ग्राम तवेरा ने जिन्होंने ट्रैकर्स के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के तत्वधान में दूसरी बार नेशनल केदार कांठा विंटर ट्रैक का आयोजन किया गया था जो कि उत्तराखंड के देहरादून जिले से 200 किलोमीटर दूर सकरी में स्थित हैं जिसमें 8 राज्य राजस्थान , मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र ,ओडिशा , छत्तीसगढ़ के 26 प्रतिभागी भाग लिये जिसमे छत्तीसगढ़ के 10 प्रतिभागी को राजनांदगांव से ललित भंसाली और उमेश काकिरवार ने 280 फीट का तिंरगा ले कर 28 दिसम्बर 2021 को राजनांदगांव रेलवे स्टेशन से टीम को रवना किया जिसमे बालोद जिले के पल्लवी बारले, यशवंत टण्डन बिलासपुर, के निशा यादव ,विशाल यादव दंतेवाड़ा के कमलेश टंडन राजनांदगांव के विवेक गणेश राहमतक ,भुवाल सिंह वर्मा, अभय मिश्रा, प्रशांत इन सभी का नेतृत्व राजनांदगांव के पहले पर्वतारोही रोहित कुमार झा , पिता नवीन झा माता रेणु देवी झा ग्राम सोमनी जिला राजनांदगांव निवासी ने किया, रोहित ने बताया कि ट्रेक बहुत ही बर्फली रास्तो से घिरा हुआ था जिसमे चलने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ा लेकिन टीम हार नही मानी और 02 जनवरी 2022 को केदारकंठा जिसकी ऊँचाई लगभग 12500 फीट पर -16 डिग्री में 280 फीट का तिरंगा लहरा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने टीम के नाम किया । इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री इफरीम अहमद और सभी टीम वाले इस उपलब्धि पर रोहित के साथ पूरी टीम को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी ।
रोहित ने इस से पहले भी कई चोटीयो पर तिरंगा लहरा कर राजनांदगांव का जिले का नाम रोशन किया है रोहित जिले के प्रथम पर्वतारोही भी है रोहित दिग्विजय कॉलेज के पत्रकारिता का छात्र रहे ।

दोनों युवक और युवती ने उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित केदार काठां ट्रैक जिसकी ऊंचाई 12500 फीट (3800 मीटर)ऊंची चोटी पर ट्रैकिंग कर तिरंगा लहराकर फतह हासिल किया है।

इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के तत्वावधान में यशवंत कुमार टंडन और पल्लवी बारले ने यह लक्ष्य हासिल किया है। यशवंत कुमार टंडन और पल्लवी बारले का सपना है कि वो विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर तिरंगा लहराना चाहते हैं।
इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन द्वारा उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में सात दिवसीय नेशनल विंटर ट्रैक कैंप का आयोजन किया गया था। जिसमें छत्तीसगढ़ से 10 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। जिसमें बालोद जिले से यशवंत कुमार टंडन और पल्लवी बारले शामिल हुए थे।

28 दिसंबर से 04 जनवरी तक सात दिवसीय नेशनल विंटर ट्रैक का आयोजन इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन द्वारा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आयोजन किया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर कराए गए इस आयोजन में देशभर के 26 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। इनमें से छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के यशवंत कुमार टंडन और पल्लवी बारले ने भी भाग लिया था।
चोटी पर पहुंचने के बाद भारत माता की जय, वन्दे मातरम् ,छत्तीसगढ़ महतारी की जय, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के जयकारे लगाए और बालोद जिले सहित छत्तीसगढ़ प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया।

 

12500 फीट ऊंची चोटी से पल्लवी ने दिया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश

बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम तवेरा की रहने वाली बेटी पल्लवी बारले ने उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित केदार काठां ट्रैक जिसकी ऊंचाई 12500 फीट ऊंची चोटी पर चढ़कर पर 2 जनवरी 2022 की सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर तिरंगा लहराया और इसी के साथ पल्लवी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया।और बेटियों को शिक्षित करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। और कहा कि बेटियां किसी से भी कम नहीं है आज बेटियां हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रही है। ऐसा कोई कार्य नहीं जो आज बेटियां नहीं कर रही हो हर क्षेत्र में बेटियां पुरूषों से उत्कृष्ट कार्य कर रही है। पल्लवी बताती है कि भविष्य में वो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई करना चाहती है। यह पल्लवी का दूसरा उपलब्धि है।

 

हाथ और पैर पड़ गए थे शून्य लेकिन हार नहीं मानी
जब चढ़ाई शुरू की तो यशवंत और पल्लवी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। कई बार परिस्थितियां ऐसी भी बनी थी कि किसी भी समय हिम्मत टूट जाए लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी।और दोनों युवक युवती ने दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प और विश्वास के साथ लगातार चढ़ाई करते रहे और आखिरकार अपने लक्ष्य को हासिल किया।
यशवंत कुमार टंडन ने बताया कि कई दिनों की लंबी ट्रैकिंग और कड़ी मेहनत के बाद इस कठिन लक्ष्य को हासिल किया।

कैंप जाने तक के नहीं थे पैसे सपनों के आगे आर्थिक स्थिति बन रही थी दीवार कलेक्टर सहित जिला सतनामी समाज के पदाधिकारियों से लगाई गुहार फिर मिली मदद

यशवंत कुमार टंडन और पल्लवी बारले ने बताया कि जब उन्होंने कैंप जाने के लिए घर से पैसे मांगे तो आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्हें अपने घर से कोई पैसे नहीं मिले। माता पिता खेती-बाड़ी और मनरेगा में कार्य करने के कारण आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। लेकिन यशवंत ने हार नहीं माना और उन्होंने बालोद जिले के कलेक्टर सम्मानीय श्री जनमेजय महोबे सर को अपनी समस्या बताई तब कलेक्टर ने यशवंत कुमार टंडन को अपने कार्यालय में बुलाकर उनसे बात की और 5000 रूपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान कर कैंप जाने के लिए मदद की। वहीं जिला सतनामी समाज बालोद के समस्त पदाधिकारियों ने भी समाज के ऐसे गरीब परिवार के प्रतिभावान बच्चों के लिए मदद के लिए आगे आए और दोनों युवक युवती के लिए आर्थिक सहायता की।

गांव का भी बढ़ाया मान संरपच श्रीमती ललिता भुआर्य

ग्राम पंचायत डुड़िया के संरपच श्रीमती ललिता भुआर्य जी ने कहा कि यशवंत हमारे गांव का काफी होनहार व प्रतिभावान, साहसी युवा हैं। जो निरंतर गांव के हित और सम्मान के लिए कार्य करते आ रहा है और गांव का भी मान बढ़ा रहा है। ऐसे साहसिक कार्य कर यशवंत अन्य बच्चों के लिए एक प्रेरणास्रोत का बिंदु बन गया हैं। मैं उन्हें उनकी इस सफलता के लिए बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं।

खड़ी चढ़ाई ने दी थी चुनौती
यशवंत और पल्लवी ने बताया कि 12500 फीट ऊंची चोटी केदार काठां ट्रैक तक पहुंचने का सफर काफी बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण था। रात के 3 बजे से शुरू ट्रैकिंग काफी अंधेर में चलना और बर्फ के जूतों में फिसलन हो रही थी। लेकिन पहली बार यहां इतनी अधिक ऊंचाई पर पहुंचने के बाद तिरंगा लहराना हमारे लिए किसी सपने से कम नहीं था।
इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के 26 ट्रैकर्स के साथ 280 फीट लम्बा तिरंगा लहराना हमारे लिए एक गर्व और गौरव के क्षण रहें।

शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंय सेवक है यशवंत

शासकीय महाविद्यालय अर्जुन्दा में अभी यशवंत कुमार टंडन बी.ए प्रथम वर्ष में अध्ययनरत हैं। और राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस) के सक्रिय स्वंय सेवक भी है। जो कि राष्ट्र विचार धारा के साथ निरंतर समाज हित और देश हित में कार्य करता रहता है।

गांव आगमन पर पुष्पहारों से किया स्वागत

यशवंत कुमार टंडन और पल्लवी बारले जब कैंप से अपने घर वापस लौटकर आए तब बस से उतरने के बाद उन दोनों का स्वागत उनकी पुष्पहारों, तिलक लगाकर, और आरती उतारकर काफी हार्षो उल्लास के साथ भव्य स्वागत किया गया। और भारत माता की जय, वन्दे मातरम,छत्तीसगढ़ महतारी की जय, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, के नारे लगाए।

माता-पिता ने कहा गर्व है हमें अपने बेटे पर
यशवंत कुमार टंडन के पिता श्री हूबलाल टंडन और मां श्रीमती सविता टंडन ने कहा चट्टान पर चढ़ने के लिए चट्टान जैसे ही मजबूत इरादे होने चाहिए बेटे ने राष्ट्रीय स्तर पर ट्रैकिंग में हिस्सा लेकर उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित हिमालय का सबसे ऊंचा ट्रैक केदारकाठां ट्रैक की चोटी पर तिरंगा लहरा छत्तीसगढ़ सहित बालोद जिले और अपने गांव, समाज और हमारा नाम रोशन किया है। हमें गर्व है अपने बेटे पर कि यशवंत हमारा बेटा है।

लोगों ने दी बधाईयां व शुभकामनाएं

इस साहसिक कार्य के लिए इंडियन एडवेंचर फाउंडेशन के प्रेसिडेंट इफ्राहीम अहमद, राजनांदगांव जिले के प्रथम पर्वतारोही रोहित कुमार झा जो छत्तीसगढ़ से टीम का लीडर और साथ में नेशनल लीडर भी है।,

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