Nbcindia24/balod/ योगेंद्र उईके अर्जुंदा/ बालोद जिले के ग्राम भालूकोन्हा में प्रस्तावित उद्यानिकी कॉलेज की जमीन को लेकर ग्रामीण खुलकर विरोध में सामने आ गए हैं, ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार प्रस्तावित जमीन गांव में एक मात्र चारागाह की जमीन है जहां पर विभिन्न प्रजाति के फलदार व छायादार पेड़ लगाए गए है, इस जमीन के कई हिस्से को ग्रामीणों ने पंचायत को दान में दे चारागाह के लिए शुरक्षित रखा है, ग्रामीणों से बातचीत करने के दरमियान पता चला कि लगभग 1 साल से ग्रामीण इस मुद्दे पर लगातार अधिकारियों को आवेदन देते आ रहे, जिसमें गांव के युवाओं ने बताया की कलेक्टर को लगभग 3 बार और अन्य अधिकारियों को भी कई बार इस उद्यानिकी कॉलेज के विरोध में ज्ञापन दिया जा चुका हैं, लेकिन फिर भी आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन का रास्ता चुना ग्रामीण
ऐसे में हताश ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता चुन 24 सितंबर को गांव के मुख्य मार्ग में प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद करते हुए प्रस्तावित जमीन पर उद्यानिकी कॉलेज खोले जाने का विरोध किया, इस आंदोलन में सभी वर्ग के ग्रामीण भारी संख्या में इकट्ठा हो अपना आवाज बुलंद करते हुए, कहां की
हमारे पूर्वजों की भूमि पर उद्यानिकी कॉलेज बनाई जा रही है इस भूमि पर लगभग 500 से भी ज्यादा फलदार एवं छायादार पेड़ मौजूद हैं, जिन्हें काटकर यह कॉलेज भवन का निर्माण कराया जाना है हमारे गांव में अन्य कोई ऐसी भूमि भी नहीं है, जहां हम पशुओं को चरा सके यह भूमि हमारे चारागाह की भूमि है, इस भूमि पर लगभग 300 से भी ज्यादा आंवला के पेड़ मौजूद है जिसकी हम हर साल पूजा करते हैं।
4 अक्टूबर को उग्र आंदोलन की चेतावनी
वहीं ग्रामीणों ने अल्टीमेटम देते हुए आगामी 4 अक्टूबर तक मामले में सुनवाई नहीं होने पर 4 तारीख को उग्र आंदोलन कर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है।
क्षेत्र के विधायक व संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद ने भाजपा पर कसा तंज
मामले में छत्तीसगढ़ सरकार में संसदीय सचिव व गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि जब कोई उद्योग धंधा या अच्छे कार्य होते हैं अज्ञानता वश लोग इसका विरोध करते हैं, लेकिन उद्यान की कॉलेज का विरोध करना समझ से परे है, लगभग 2 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी अर्जुन्दा आए थे, उस दौरान मैंने ग्राम मटिया, डुडिया और भालूकोन्हा का प्रस्ताव उद्यनिकी कॉलेज के लिए दे मांग किया था, उसी के आधार पर छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे स्वीकृति दी, छत्तीसगढ़ में है तीसरी उद्यानिकी कॉलेज के रूप में सुकृति मिली है।
शासकीय प्रक्रिया के तहत जमीन को किया गया अधिग्रहण:- कुंवर सिंह निषाद
जमीन अधिग्रहण करने के पूर्व सरपंच द्वारा भालूकोन्हा में दो बार ग्रामसभा रख प्रस्ताव लिया गया है, इसके साथ ही उस जमीन को जिन ग्रामीणों ने पंचायत को दान में दिया उनसे भी सहमति लिया गया है, और पूरा कार्रवाई शासकीय प्रक्रिया के तहत किया गया है, उसके बाद भी इसका विरोध किया जा रहा है तो कहीं ना कहीं इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
15 साल में एक स्कूल नहीं खोला पाए और अब बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने नहीं देना चाहते भाजपा- कुंवर सिंह निषाद
क्षेत्रीय विधायक कुंवर सिंह निषाद ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहां जो 15 साल सरकार में रहे और एक स्कूल नहीं खोल पाए आज छत्तीसगढ़ में तीसरे नंबर का इतना बड़ा उद्यानिकी महाविद्यालय खुलने जा रहा उसका विरोध कर रहे यह समझ से परे है, निषाद ने भाजपा के पूर्व विधायक व भाजपा नेताओं से निवेदन करते हुए कहा कि आपके पास राजनीति करने के बहुत से मुद्दे हैं, आप उस पर सामने आकर बहस कीजिए, लेकिन जहां पर शैक्षणिक सुविधाओं के लिए एक बहुत बड़ा उद्यानिकी महाविद्यालय खुलने जा रहा है, उसका विरोध करके आप लोग नहीं चाहते कि आपके गांव के बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण करें, तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर शिक्षित बने।
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