राजहरा खदान समूह में कार्यरत ठेका श्रमिकों का 8 सूत्री मांगों को लेकर 4 घंटे का टूल डाउन।

Nbcindia24/Balod/वीरेंद्र भारद्वाज दल्लीराजहरा। राजहरा खदान समूह में कार्यरत ठेका श्रमिकों के हितार्थ आठ सूत्रीय मांग को लेकर राजहरा खदान समूह में कार्यरत तीन पंजीकृत श्रम संगठनों ने चार घंटे के टूल डाउन का आह्वान किया था। उक्त टूल डाउन का आह्वान करने वाले श्रम संगठन भारतीय मजदूर संघ, एटक एवं इंटुक से सम्बद्ध श्रम संगठनों के पदाधिकारियों ने संयुक्त विज्ञपति जारी करते हुए समस्त ठेका श्रमिकों को प्रथम पाली में टूल डाउन को सफल बनाने हेतु सहयोग देने के लिया धन्यवाद दिया। साथ ही जन मुक्ति मोर्चा एवं उनके श्रमिकों को भी इस टूल डाउन को समर्थन देने के लिए इन्होने धन्यवाद दिया।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए संयुक्त रूप से तीनों श्रम संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि आज भिलाई इस्पात संयंत्र के उत्पादन में ठेका श्रमिकों का महत्वपूर्ण योगदान है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। लेकिन प्रबंधन एवं ठेकेदार द्वारा इन ठेका श्रमिकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है एवं उनका शोषण किया जा रहा है। ठेका श्रमिकों को उनके वाजिब हक़ से वंचित रखा जा रहा है। जहाँ एक तरफ नियमीत कर्मचारियों को विभिन्न भत्ते दिए जाते हैं वहीँ ठेका श्रमिकों को इन लाभों से वंचित रखा जा रहा है। आजके इस टूल डाउन के माध्यम से स्थानीय प्रबंधन को यह सन्देश दिया गया है कि ठेका श्रमिक भी कंपनी के उत्पादन में नियमित कर्मी की तरह सहयोग देते है एवं वे भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने की नियमित कर्मी।

जिन मुद्दों को लेकर टूल डाउन किया गया वे आज खदान के विभिन्न विभागों में नियमित कर्मियों की कमी है जिसे पूरा करते हुए ठेका श्रमिक लगातार कई वर्षों से नियमित कर्मियों का कार्य कर रहे हैं। ऐसे ठेका कर्मियों को चिन्हित करते हुए उनके सेवा शर्तों में सुधर किया जावे और उन्हें उनके वर्तमान श्रेणी से एक श्रेणी की पदोन्नत्ति दी जावे।
सभी ठेका श्रमिकों को ईएल, सीएल की छुट्टी दी जावे और ठेका समाप्ति पर उन्हें छुट्टी का भुगतान किया जावे। इस सम्बन्ध में प्रबंधन ने सार्थक पहल का आश्वासन दिया था किन्तु एक वर्ष गुजरने के बावजूद कोई सार्थक पहल नहीं की गयी है और आज भी कई ठेकों में ईएल का भुगतान लंबित है।
नियमित कर्मियों की तरह सभी ठेका श्रमिकों को भी डिफकल्ट एरिया अलाउंस, दासा का भुगतान किया जावे।
नियमानुसार सभी ठेका श्रमिकों को ग्रेचुएटी एक्ट के तहत ग्रेचुएटी का भुगतान सुनिश्चित किया जावे।
सभी ठेका श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के लिए मेडिकल सुविधा सुनिश्चित की जावे। इस सम्बन्ध में डायरेक्टर इंचार्ज बीएसपी द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाने के बावजूद स्थानीय प्रबंधन द्वारा कोई सार्थक पहल होती नहीं दिख रही है।
सभी ठेका श्रमिकों को कैंटीन भत्ता एवं रात्रि पाली भत्ता दिया जावे। कई ठेकों में कार्यरत ठेका कर्मियों का वेतन भुगतान लंबित है। प्रबंधन इन लंबित वेतन का भुगतान जल्द से जल्द सुनिश्चित करे।
ठेका श्रमिकों को चाँदी का सिक्का जल्द से जल्द वितरित किया जावे।
उक्त टूल डाउन तीनों शिफ्ट में प्रस्तावित था किन्तु प्रथम पाली में हुए टूल डाउन के उपरान्त भिलाई इस्पात संयंत्र के उच्च प्रबंधन से हुई टेलीफोनिक चर्चा और उक्त चर्चा में बीएसपी प्रबंधन द्वारा इन मांगों पर जल्द से जल्द सार्थक पहल करते हुए समुचित निर्णय लेने की बात कहने पर तीनों श्रम संगठनों ने निर्णय लिया कि श्रम संगठनों का उद्देश्य कंपनी को नुकसान पहुंचा नहीं है बल्कि कर्मियों के हितों से सम्बंधित बातों को प्रबंधन के संज्ञान में लाते हुए उनपर प्रबंधन द्वारा सकारात्मक पहल करवाना है। अतएव अगर बीएसपी उच्च प्रबंधन इन मुद्दों पर सकारात्मक पहल की बात कर रहा है तो प्रबंधन को एक मौका देते हुए अन्य पालियों में टूल डाउन को वापस लिया जावे। इसके उपरांत एकमत होकर तीनों श्रम संगठनों ने ठेका श्रमिकों से द्वितीय एवं रात्रि पाली में प्रस्तावित टूल डाउन स्थगित करने की अपील की जिसे मानते हुए द्वितीय पाली से सामान्य रूप से कार्य शुरू हो गया।
इन मांगो को लेकर किये गए टूल डाउन को प्रथम पाली में श्रमिकों का जबरदस्त समर्थन मिला जिसके लिए इस टूल डाउन का आह्वान करने वाले तीनों श्रम संगठन सभी ठेका श्रमिकों को धन्यवाद देते हैं। साथ ही अपने आपको ठेका श्रमिकों के मसीहा के रूप में प्रस्तुत करने वाले कुछ श्रम संगठनों ने इस टूल डाउन से अपने आप को अलग रखते हुए प्रबंधन के गोद में बैठने का जो कुत्षित प्रयास किया है उसका तीनों श्रम संगठनों कड़ी निंदा करता है और आशा करता है कि भविष्य में ठेका श्रमिकों के वाजिब मांगों को लेकर किये जाने वाले आंदोलन में ये श्रमिक संगठन और उनके नेता सकारात्मक रुख अपनाते हुए समर्थन करेंगे।

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