उपभोक्ताओं को बिजली दर बढ़ोतरी का झटका, नियामक आयोग ने जारी की नई टैरिफ, बिजली बिल बढ़ोतरी को लेकर भाजपा-कांग्रेसी आमने-सामने


Nbcindia24/Raipur/ छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेशवासियों को दिया बिजली का झटका दिया है, 3 साल बाद बिजली दर में बढ़ोतरी करते हुए 48 पैसे पर यूनिट की दर से यह बढ़ोतरी की गई है, नया टैरिफ इसी महीने से लागू किया गया,  हालांकि नियामक आयोग ने गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप के उर्जा प्रभाव पर 10% छूट को बढ़ाकर 20% किया है ।

बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव

जिसके बाद विपक्ष ने विद्युत नियामक आयोग की इस वृद्धि को लेकर सरकार को घेरा और सरकार पर आम जनता के प्रति प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार विद्युत नियामक उद्योग के माध्यम से घरेलू बिजली की दरें जिस तरीके से 47 पैसे प्रति यूनिट के माध्यम से बढ़ गई है इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भूपेश बघेल की सरकार जनविरोधी सरकार है और लगातार दरों में वृद्धि करके व आम जनता को प्रताड़ित कर रही है. आज देश के इंडेक्स में बिजली के मामले में तीन सबसे बदतर राज्यों में छत्तीसगढ़ का नाम शामिल हो गया है आज लगभग csptcl 6000 करोड़ के घाटे में है जो कैट की रिपोर्ट में सामने आया है दूसरा पिछले 3 वर्षों के अंदर मैं ना तो बिजली विभाग का कोई परफॉर्मेंस है ना तो कंजूमर सर्विस मिल रही है लाइन लॉस के लगातार प्रकरण हो रहे हैं और सप्लाई आवर्स में भी जिस तरीके से कमी हो रही है और जिस तरीके से वृत्तीय स्थिति चरमरा गई है इससे स्पष्ट होता है कि सरकार और csptcl आम उपभोक्ताओं को सहायता नहीं पंहुचा पा रही है एक वह वर्ष 2018 जब भूपेश बघेल की सरकार बने उसके पूर्व लगभग 550 सौ करोड़ रुपए की छूट डॉ रमन सिंह कि सरकार ने दिया था लेकिन ये कहते हैं हम बिजली की दर कम करेंगे लेकिन आज उपभोक्ताओ पर 47 पैसे प्रति यूनिट की दर इस तरीके से बनाया गया है.
अपने वृत्तीय बोझ को कम करने का प्रयास कर रहे हैं लगता है एक जन विरोधी सरकार की यही पहचान है।

शैलेश नितिन त्रिवेदी

तो वहीं सरकार के इस फैसले को सराहनीय बताते हुए छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दो बार दरें कम हुई है और सिर्फ एक बार बढ़ी है कम होने वाली और ज्यादा होने वाली दरो को देखे तो 3 साल में कुल बिजली दर में वृद्धि 3.3 प्रतिशत है। अर्थात प्रति वर्ष 1.1 प्रतिशत जिसे रमन सिंह के कार्यकाल से देखे तो सरकार लगातार बिजली महंगी कर रही थी 2004-5 में बिजली 3.27 पैसे प्रति यूनिट थी 2018-19 में 6.20 पैसा कि गई रमन सरकार मे 90% की वृद्धि हुई 15 साल में 9 बार बिजली की दरें बढ़ाई गई। रमन सरकार में औसतन वृद्धि 6% होती थी
छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यूनतम वृद्धि की है ये भी केंद्र सरकार के द्वारा पेट्रोल डीजल की कीमतें महंगी करने पर और परिवहन लागत बढ़ाने के कारण हुई है। 27 महीने में छत्तीसगढ़ सरकार ने 39.63 लाख उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ की छूट बिजली बिल हाफ करके की है. जो भाजपा की सरकार 15 सालों में नहीं कर पाई इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में बिजली की दरें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, बिहार, ओडिशा,उत्तर प्रदेश और पंजाब से कम है छत्तीसगढ़ की सरकार बिजली बिल हाफ योजना लगातार जारी रखेगी अर्थात उपभोक्ताओं को जिन दरों में छूट मिल रही है वह यथावत रहेंगी तो फिर भाजपा के लोग किस मुंह से छत्तीसगढ़ सरकार की आलोचना कर रहे हैं

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